{"vars":{"id": "127470:4976"}}

Rajasthan Perfume : राजस्थान में फूल, लकड़ी तैयार इत्र की डिमांड दुबई से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक, कीमत जानकर हो जाओ के हैरान 

इत्र की कीमत 2 लाख रुपये प्रति लीटर से लेकर 25 लाख रुपये तक के इत्र और परफ्यूम तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग इत्र को लीटर में नहीं, बल्कि 10-20 ग्राम की छोटी मात्रा में खरीदते हैं
 

राजस्थान को हस्तकला से तैयार सामान के लिए जाना जाता है और पूरे विश्व में पर्यटन के तौर पर भी पहली पंसद में आता है, लेकिन आपका जानकार हैरान हो आओगे की राजस्थान में तैयार इत्र की डिमांड विदेशों तक है। खास किस्म के फूल व लकड़ियों से तैयार इस इत्र के रेट भी सबसे ज्यादा है और इत्र की कीमत इतनी है कि आज व्यक्ति इसको खरीद नहीं सकता है।

इस इत्र की कीमत 25 लाख रुपये तक है, ऐसे में इस इत्र को खास लोगों द्वारा ही खरीदा जाता है। यह इत्र राजस्थान के जयपुर शहर में तैयार किया जाता है। आपको बता दे कि यह इत्र अभी से तैयार नहीं हो रहा, बल्कि यह दादा, परदादाओं के समय से चला आ रहा है। जयपुर के चारदीवारी के त्रिपोलिया बाजार में स्थित डी आर अरोमा इत्र और परफ्यूम की दुकान पूरे विश्व में विख्यात है।

यह दुकान लगभग चार पीढ़ियों से चल रही है और इस इत्र को बनाने की कला अब तक दूसरा कोई नहीं सीख पाया है। दुकान मालिक ने बताया कि इस दीपावली पर उन्होंने ‘रूह गुलाब’ इत्र तैयार किया है, जिसकी कीमत 25 लाख रुपये प्रति लीटर है। इसके अलावा अन्य कई वैरायटी भी हैं, जिनकी मांग त्योहारी सीजन में चरम पर होती है। उनके द्वारा तैयार किए गए इत्र की डिमांड दुबई से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक है। 

परदादाओं की कला को आगे बढ़ा रहा परिवार 

जयपुर में इस अदभूत इत्र को चार पीढ़ियों द्वारा तैयार किया जा रहा है। जहां पर चार पीढ़ियों के लोग इस इत्र बनाने की कला को आगे बढ़ा रहा है और इस इत्र की अद्भूत खुशबू के चलते इसकी डिमांड भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फैल रही है। दुकान संचालक ने बताया कि उनके इत्र की कीमत 2 लाख रुपये प्रति लीटर से लेकर 25 लाख रुपये तक के इत्र और परफ्यूम तैयार करते हैं।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग इत्र को लीटर में नहीं, बल्कि 10-20 ग्राम की छोटी मात्रा में खरीदते हैं, जिनकी कीमत भी लाखों में होती है। दीपावली पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी इन इत्रों की खरीदारी के लिए खास तौर पर दुकान पर आते हैं। त्योहारी सीजन में मांग इतनी बढ़ जाती है कि कई बार स्टॉक कम पड़ जाता है।

100 तरह का तैयार होता है इत्र 

दुकान संचालक ने बताया कि उनके द्वारा लगभग 100 तरह का इत्र तैयार किया जाता है। यह इत्र गुलाब, चंदन, मोगरा, लिली, केवड़ा, खस, हीना, मुश्कंबर, शमामा, केसर और कस्तूरी से तैयार किया जाता है। जहां पर उनके द्वारा तैयार किया जा रहे इत्र में सबसे महंगा ‘उद’ इत्र है। उद इत्र में भी कई तरह की वैरायटी है।

इसमें व्हाइट उद, ब्लैक उद, डेनियल उद, कम्बोडियन उद और अफ्रीकन उद की वैरायटी की सबसे ज्यादा डिमांड है और इसकी कीमत भी लाखों रुपये में है। इस इत्र को अक्सर वीआईपी लोगों द्वारा खरीदा जाता है। शादी के सीजन में इस इत्र की डिमांड बढ़ जाती है।  इसके अलावा सामान्य ग्राहकों के लिए बजट के हिसाब से नेचुरल और सिंथेटिक इत्र भी तैयार किए जाते हैं। दुकान पर हर समय 100 से अधिक वैरायटी उपलब्ध रहती है।

कन्नौज का सीक्रेट फॉर्मूले से तैयार होती है इत्र

डी आर अरोमा के मालिक ने बताया कि जयपुर में इत्र बनाने की कला कन्नौज से आई। उनके दादा-परदादाओं ने इस कला को सीखा और जयपुर में अपने प्रयोगों से कुछ अनूठी वैरायटी विकसित कीं, जो आज भी मशहूर हैं। इत्र बनाने की प्रक्रिया में लाखों रुपये के फूल, लकड़ी और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग होता है। हर इत्र की क्वालिटी और मात्रा को ध्यान में रखकर इसे पूरी तरह नेचुरल या सिंथेटिक तरीके से तैयार किया जाता है। इत्र मुख्य रूप से खुशबूदार पौधों की लकड़ियों, फूलों और जड़ी-बूटियों से बनाया जाता है।