Job Fraud : बहरे-अंधे बनकर लग गए टीचर, बीडीओ, कनिष्ठ सहायक, 24 कर्मचारियों पर गिरेगी गाज
सरकारी नौकरी के लिए पेपर लीक व दूसरे से परीक्षा दिलाने का फर्जीवाड़ा तो अपने सुना होगा, लेकिन नौकरी के लिए तंदुरुस्त होने के बावजूद बहरे, दृष्टिहीन बन जाना हर किसी को हैरान कर देता है। ऐसा ही फर्जीवाड़ा राजस्थान में सामने आया है। जहां पर बहरापन, दृष्टिहीन का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया और उस प्रमाण पत्र के सहायक ही टीचर, बीडीओ, कनिष्ठ सहायक व स्टेनोग्राफर जैसे अहम पदों पर नियुक्ति ले ली।
जहां इस फर्जीवाड़े से नौकरी हासिल की, वहीं असल दिव्यांग लोगों के हक को भी मार लिया। जब यह मामला सरकार के पास पहुंचा तो ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को जांच दी गई। जांच में सामने आया कि ऐसा फर्जीवाड़ा करने वाला एक दो व्यक्ति नहीं बल्कि 24 लोग है। बनकर नौकरी हासिल कर ली और मजे से सरकारी नौकरी कर रहे है और सरकार से मोटा वेतन भी ले रहे है। ऑपरेशन ग्रुप की टीम शिक्षक, स्टेनोग्राफर, विकास अधिकारी व कनिष्ठ सहायक की नियुक्त पाने वाले दिव्यांग कर्मचारियों के घर पर दस्तक दी।
एएसपी भवानी शंकर मीणा के नेतृत्व में गठित कमेटी ने दिव्यांग कोटे से नौकरी लेने वाले लोगों के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में करवाई गई। जहां पर सामने आया कि नौकरी पाने वाले 24 लोग ऐसे है जो पूरी तरह से तंदुरुस्त मिले, लेकिन मेडिकल करने वाले डाक्टरों से मिलीभगत करके फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया है। जांच में सामने आया कि 5 कर्मचारी ही 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग मिले। जबकि 24 लोगों ने फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाया हुआ था।
इसमें से 13 कर्मचारी बहरापन का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया हुआ था, लेकिन यह सभी 13 कर्मचारियों का प्रमाण पत्र फर्जी मिला। जबकि दृष्टिबाधित की जांच में छह कर्मचारियों को सही दिखाई दे रहा था, लेकिन उनके पास फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी ली। इसी पांच कर्मचारियों ने दूसरी दिव्यांगता दिखाई, लेकिन वह भी पूरी तरह से फीट मिले। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जहां इन 24 कर्मचारियों की नौकरी जाएगी, वहीं इनका मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने वाले डाक्टर पर भी गाज गिर सकती है।
मेडिकल रिपोर्ट में इन कर्मचारियों के फर्जी मिले प्रमाण पत्र
एएसपी भवानी शंकर मीणा के नेतृत्व में गठित कमेटी द्वारा दोबारा मेडिकल करवाने पर 24 कर्मचारियों का मेडिकल अयोग्य करार दिया गया। इसमें महेन्द्र पाल सिंह निवासी धोटी (राजसमंद), सवाई सिंह गुर्जर निवासी हिण्डौन (करौली), हंटु गुर्जर निवासी श्यामपुरा (आमेर) का मेडिकल प्रमाण पत्र अयोग्य मिला।
इसी तरह मनीष कुमार कटारा निवासी दाहिना (भरतपुर), केशव उर्फ खुब्बाराम यादव निवासी सांवत (किशनगढ़ रेनवाल), कविता यादव निवासी सांवत (किशनगढ़ रेनवाल), बिकेश कुमार निवासी केलूरी (नदबई) का मेडिकल प्रमाण पत्र अयोग्य मिला। इसी तरह भानुप्रताप कटारा निवासी दाहिना (रूपवास), नफीस निवासी सबलाना (कामां), रणजीत सिंह निवासी नंगला अलागरीजी (बयाना), कलुआ राम सिंह निवासी नंगला अलागरीजी (बयाना), पवन कुमार सिंह निवासी आबूरोड रिको (सिरोही) का मेडिकल प्रमाण पत्र अयोग्य मिला।
विनोद कंवर शेखावत निवासी आबूरोड शहर (सिरोही), दिनेश कुमार बिश्नोई निवासी खरड, धोरीमन्ना (बाड़मेर), लोकेश निवासी नदबई (भरतपुर), संजय निवासी नोखा (बीकानेर), दीपू निवासी सबलपुर (डीडवान-कुचमान), गेपु राम निवासी रास (पाली), प्रशांत सिंह निवासी आबूरोड शहर (सिरोही) का मेडिकल प्रमाण पत्र अयोग्य मिला।
इसी तरह छिन्दपाल सिंह निवासी केसरीसिंहपुर (गंगानगर), आसी कुमारी निवासी बाड़मेर ग्रामीण, डॉ शंकर लाल मीणा निवासी कोतवाली (बूंदी), जगदीश चौधरी निवासी रुपनगढ़ (अजमेर), किशोर सिंह निवासी सबलपुर (डीडवाना-कुचामन) का मेडिकल प्रमाण पत्र अयोग्य मिला।