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राजस्थान हाईकोर्ट का RPSC पर कड़ा रुख, हाईकोर्ट ने कहा, पाठ्यक्रम जारी होने के 30 दिन बाद हो परीक्षा

 

RNE Network.

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर पर एक बार फिर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक परीक्षाओं के आयोजन से जुड़ी संस्थाएं बड़े कोचिंग संस्थानों का पैटर्न अपना रही है।
 

इससे न केवल अभ्यर्थियों के बीच असमानता बढ़ी, बल्कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में व्यावसायीकरण भी बढ़ा है। परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता नहीं होने से कोचिंग संस्थानों को फायदा नहीं पहुंच रहा है। यह सब शिक्षा प्रणाली को बर्बाद और नष्ट करने के लिए पर्याप्त है।
 

कोर्ट ने यह टिप्पणी कर 7 दिसम्बर से होने वाली कॉलेज शिक्षा सहायक प्रोफेसर भर्ती परीक्षा पर रोक लगा दी। साथ ही कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग पाठ्यकर्म जारी करने के 30 दिन बाद परीक्षा का आयोजन कराए। कोर्ट ने कहा कि याचिकाओं को अंतिम निस्तारण के लिए 15 दिसम्बर को दोपहर 2 बजे सुनवाई के लिए लगाया जाए। इस परीक्षा के जरिये 575 पदों पर चयन किया जाना है, जिसके लिए 94000 आवेदन आये।