भारत का वह पायलट जिसने बहादुरी के साथ लड़ी थी 1999 की जंग, अंत में पाकिस्तान सेना ने मार दी थी गोली
Kargil Vijay Divas : आज कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। 26 जुलाई 1999 को हमारे देश के बहादुर सैनिकों ने बड़े ही बहादुरी के साथ पाकिस्तान सेना के साथ लड़ाई किया था। आज हम आपको राजस्थान के एक वीर पायलट की कहानी बताएंगे जिन्होंने अपने आखिरी सांस तक पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ा दिए।
हम बात कर रहे हैं पायलट लीडर अजय आहूजा की। अजय आहूजा नें अपने साथियों को बचाने के लिए दुश्मन क्षेत्र में जाने का फैसला लिया था और यहां पाकिस्तान की सेना ने उन्हें जिंदा पड़कर गोली मार दिया।
अजय आहूजा का जन्म कोटा में 1963 में हुआ था। उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास की और फिर एयर फोर्स अकैडमी से अपनी ट्रेनिंग पूरा की। वह एयर फोर्स में पायलट के पद पर तैनात थे और mig-21 उड़ाते थे।
कारगिल युद्ध में उनकी भूमिका बेहद ही महत्वपूर्ण थी। अजय आहूजा के टीम का एक विमान तकनीकी खराबी के कारण दुश्मन क्षेत्र में क्रश हो गया। अजय को पता था कि वह क्षेत्र दुश्मनों का है फिर भी अपने जान को खतरे में डालकर वह साथी पायलट की तलाश में निकल गए।
वापस लौटते वक्त पाकिस्तान सेना द्वारा लांच की गई इस सिंगर मिसाइल से उनका विमान टकरा गया। वह पैराशूट की मदद से खुद कर जमीन पर उतरने में सफल हो गए। जैसे ही वह जमीन पर आए पाकिस्तान के सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया और बाद में उन्हें गोली मार दी और उनके शव को भारतीय सैनिकों के हवाले कर दिया।
अजय आहूजा को करने के बाद वीर चक्र से सम्मानित किया गया। अजय आहूजा के मौत ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। आज भी अजय आहूजा के वीरता की कहानी सुनाई जाती है। अजय आहूजा वाले इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी वीरता की गाथा हमेशा याद रखी जाएगी। आज भी लोग राजस्थान के बेटे को याद करते हैं।