Rajasthan Farmers : राजस्थान में सफेद लट से किसान मुसीबत में, 10 हजार हैक्टेयर से ज्यादा मूंगफली की फसल हुई खराब
इस बार जहां मानसून में अच्छी बारिश से किसानों के लिए राहत मान रहे है, लेकिन यह मौसम राजस्थान के किसानों के लिए मुसीबत लेकर आया है। जहां पर मूंगफली के किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।
राजस्थान में धूप की तपन कम समय तक रहने से मूंगफली की फसल पर सफेद लट का प्रकोप बढ़ गया है। इससे खेत के खेत खाली होने लगे हैं। अगेती बुवाई वाले खेतों में 30 से 40 प्रतिशत तक मूंगफली की फसल खराब हो चुकी है। वहीं बड़े स्तर पर कीटनाशक डालने के बावजूद रोग नियंत्रण नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है।
किसानों के अनुसार मूंगफली की फसल में सफेद लट का प्रकोश एक अगस्त के बाद मानसून कमजोर पड़ते ही शुरू हो गया था, अब ये मौसम में बड़े स्तर पर फैलने लगा है। कृषि विभाग के प्रारंभिक आंकलन के अनुसार जिले में मूंगफली का बुवाई रकबा करीब 30 हजार हैक्टेयर था। फिलहाल हालात ये है कि जिले में 10 हजार हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में किसानों की फसलें खराब हो चुकी हैं। लट के प्रकोप के चलते कई खेत खाली हो चुके हैं।
लगातार बादल छाए रहने से बढ़ रहा सफेद लट का प्रकोप
कृषि अनुसंधान केंद्र फतेहपुर से सेवानिवृत्त वरिष्ठ कीट वैज्ञानिक डॉ. सहदेव सिंह का कहना है कि इस बार मानसून सीजन में बारिश जल्द शुरू होने से जमीन लंबे समय तक नहीं तपी। इसके चलते भूगर्भ में पनपे सफेद लट के अंडे नष्ट नहीं हुए। इसके बाद लंबे समय तक मानसून सक्रिय रहने से लट पनपने के लिए अनुकूल मौसम रहा।
फिलहाल 1 अगस्त के बाद करीब 14 दिन तक सूखे की स्थिति रहने से नमी तलाशने में सफेद लट के कीट ने फसलों की जड़ों पर अटैक शुरू कर दिया है। इसके चलते दाना बनने से पहले ही मूंगफली की फसल नष्ट होने लगी है। सफेद लट का प्रकोप मूंगफली के साथ बाजरा के खेतों में दिखाई देने लगा है।
ये कीट सबसे ज्यादा अगेती बुआई के साथ ही ज्यादा गोबर वाले खेतों में फैल रहा है। मूंगफली की फसल में सफेद लट का असर सीकर जिले के साथ ही सीमा से सटे हुए झुंझुनूं के भी कई गांवों में तेजी से बढ़ रहा है। यदि समय रहते लट रोग पर नियंत्रण नहीं हुआ तो किसानों को बड़ेस्तर पर फसल खराबे की मार झेलनी पड़ सकती है।