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Monsoon In Bikaner:  सावन के पहले दिन जमकर बादले बरसे, शिवालयों में गूंजा, हर-हर महादेव!

 

 RNE Bikaner.

आखिरकार सावन के पहले दिन मानसूनी बादलों ने बीकानेर शहर को जमकर भिगो दिया। दोपहर दो बजे बाद जबरदस्त घटाओं ने शहर के आसमान में डेरा डाला। भरी दुपहरी में सांझ गहराने का अहसास हुआ। एकबारगी हवा थमी उमस बढ़ी। फिर आंधी चली और इसके साथ शुरू हई बूंदाबांदी ने देखते ही देखते मूसलाधार का रूप ले लिया। लगभग आधे घंटे में ही बारिश ने शहर को पानी-पानी कर दिया। लगभग हर इलाके में पानी भर गया। यह समय बच्चों का स्कूल से वापसी का होता है। ऐसे में कई जगह स्कूली टै।पों पानी में फंसे नजर आये।
जूनागढ़, कोटगेट, पंचशती सर्किल के आगे एक बार फिर पानी जमा होने से दरिया बन गया। यहां आवाजाही बिलकुल थम गई। सूरसागर में घुसते पानी को देख यहां के युवा नेता युवराज व्यास सहित अन्य बाशिंदों ने जमकर प्रशासन को कोसा। बोले, कहां गये प्रशासन के दावे और वो पाताल तोड़ कुओं की कहानियां। इस क्षेत्र के लोगों का कहना है, गर्मी से झुलता सारा शहर जहां बारिश आने की दुआ करता है वहीं हम लोग बारिश के साथ आने वाली परेशानी को सोच-सोचकर कांपते हैं।


पंचशती सर्किल से लेकर कलेक्टर आवास होते हुए सर्किट हाउस के मोड़ तक सड़क एक बार फिर तालाब बन गई। यहां खड़े राधेश्याम बोले, ये कलेक्टर निवास से लेकर जिला प्रमुख निवास तक के हाल है। आम लोगों की हालत इससे आसानी से समझ सकते हैं।
कचहरी परिसर में वकीलों को अघोषित काम रोकना पड़ा। कोर्ट तक पहुंचने के रास्ते में ही पानी जमा हो गया। खासतौर पर परिसर में  खुले स्थान की चौकियां पर टीनशेड के नीचे बैठने वाले अधिवक्ताओं के लिए बारिश कामबंदी का पैगाम लेकर ही आती है। यहां मौजूद एडवोकेट ललित नारायण पुरोहित ने कहा, क्या हमारी इंजीनियरिंग इतनी फिसड्डी है कि सालों से एक ही जगह पानी भरने की समस्या का समाधान नहीं ढूंढ़ पा रही है। 
गोगागेट के बाहर सड़क पर भरे पानी में से गुजरते वाहनों के कारण घरों-दुकानों पर गंदा पानी उछलकर पहुंचता रहा। यहां मौजूद विकास सोनी ‘विकसा’ ने कहा, जब शहर के पॉश इलाको, मुख्य मार्गों, नगर निगम के दफ्तर से लेकर कलेक्टर आवास के आगे से पानी की समस्या का समाधान नहीं हो सकता तो हम क्या उम्मीद कर सकते हैं। यहां के बाशिंदे सालों से जलभराव की समस्या सहन कर रहे हैं। कई बार तो बारिश शुरू होते ही दुकानें बंद करनी पड़ती है। 


कोटगेट पर एक बार फिर बहते पानी के बीच लोगों को खुले गड्ढों में गिरने से बचाने सेवादार बीच सड़क पर उतर आये। मन्नू मारु बोले, सब जानते हैं यहां बारिश आते ही नदी की तरह पानी बहेगा। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ जैसे नाम सुने हैं कभी किसी को यहां खड़े नहीं देखा। इस क्षेत्र के युवाओं की टीम हमेशा बहते पानी  में खड़े होकर लोगों की मदद करती है।
कुल मिलाकर एक ओर जहां बारिश गर्मी से निजात के साथ परेशानी लाई वहीं सावन के पहले दिन बारिश को भक्तों ने महादेव का आशीर्वाद भी माना। शिवालायों में अभिषेक चल रहे थे और इसी दौरान बारिश शुरू होने पर लोगों ने ‘हर-हर महादेव’ उद्घोष लगाये। गौरतलब है कि पूरे महीने बीकानेर के शिवालयों में अभिषेक का दौर चलेगा। इसके साथ ही कई बगीचियों में गोठों का दौर भी शुरू हो गया। कहा भी जाता है ‘ सियाळो खाटू भलो, उनाळो अजमेर, मारवाड़ नित रो भलो, सावण बीकानेर..।'