राजस्थान विधानसभा: आसन ने टोका तो संसदीय मंत्री बोले, ये फ्री लांस बोलेंगे, इन्हें मत रोको!
RNE, Network.
कमोबेश हर दिन विवादों और गरमागरमी की भेंट चढ़ रही राजस्थान विधानसभा में पक्ष-विपक्ष किसी पर भी कोई आरोप लगते ही हंगामा तय है। ऐसे माहौल में भी शुक्रवार को तब सदन देर तक ठहाकों से गूंजता रहा जब एक विधायक ने पक्ष-विपक्ष दोनों पर जमकर प्रहार किये लेकिन अंदाज ऐसा था कि सबने हंसते हुए सहा। यहां तक कि एकबारगी आसन ने उन्हें टोका और विषय पर बोलने को कहा तो संसदीय कार्यमंत्री ने खड़े होकर कह दिया इनको मत रोको फ्री लांस बोलने दो। हैरानी की बात यह है कि ये विधायक कांग्रेस यानी विपक्ष के हैं और सत्ता पर भी जमकर प्रहार कर रहे थे। बात चल रही है सूरजगढ़ से कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार की। छठी बार के कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार शुक्रवार को उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और परिवहन की अनुदान मांगों पर चल रही बहस में बोल रहे थे।
सारे वीसी यूपी से उठा लाये, क्या राजस्थान में वीसी नहीं!
उच्च शिक्षा पर कांग्रेस विधायक श्रवणकुमार बोले ‘अशोकजी ने कॉलेज खूब बना दिये। सबसे दुखद बात यह है कि सारे वीसी यूपी के ले आये। क्या राजस्थान में वीसी नहीं है। उन्हें टोका कि ये सारे आपके यानी कांग्रेस के राज में नियुक्त हुए हैं तो पलटकर जवाब दिया ‘हमारी सरकार के समय के हैं तो आप हटा दो। हमारी सरकार ने कोई गड़बड़ की तो उसका मैंडेट आपको दिया। अब आप ठीक करो।’ आप जब खड़े होते हो कहते हो पूर्ववर्ती सरकार ने क्या किया। आप अच्छा करो ना।
अफसरशाही पर तंज: ‘सर तोड़ना नहीं, फळी फोड़ना नहीं’
न तो अफसर आपकी मानते हैं। आपकी सुन लेेंगे ‘सर-सर’ कर लेंगे लेकिन काम नहीं करेंगे। इन अफसरों को ट्रेनिंग में यही सिखाया जाता है कि ‘सर को तोड़ना नहीं और फळी फोड़ना नहीं।’ ये कांग्रेस वालों को भरी सर-सर कर देते हैं। ऑर्डर में जान होनी चाहिये। मंत्री ऑर्डर देते हैं-साब देख लेना। सर वो नहीं है। सर तो आप हो क्योंकि लोकतंत्र में जो चुनकर आता है वह सर है। प्रशासनिक अधिकारी अपने ऑफिस में सर है लेकिन आपके सामने नहीं है। अगर राज करना है तो ‘बगैर टोरे’ राज नहीं होगा। अफसर तो रात को 12 बजे राज बदलते ही बदल जाते हैं। ऐसे में खड़े होकर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल बोले, इस बार आपकी सलाह मानेंगे। ठरके से राज करेंगे।
मानोगे तो दुबारा भी राज करोगे।
इस बीच सभापति ने टोका शिक्षा पर चर्चा चल रही है..
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम खड़े हुए, ये फ्री लांस है। इनको रोकोे ही मत
श्रवण कुमार ने कहा, सदन में अध्यक्ष के बाद संसदीय मंत्री होता है। इन्होंने हां, भर ली अब कोई दिक्कत थोड़े ही है…
पूर्वमंत्री धारीवाल पर वार:
मेरे सूरजगढ़ में 1936 में नगर पालिका बनी। आज तक सीवरेज लाइन नहीं बनी। कांग्रेस सरकार में भी धारीवाल साब से बोल दिया। पता नहीं कागज कौनसे गड्ढे में डाल दिया। आज तक वापस निकला ही नहीं। धारीवाल साब अब तो ठंडे हो गए। पहले तो देखते ही नहीं थे। मंत्री जब बनते हैं उसके सैकंड डे रात को पता नहीं कौनसा देवी-देवता आता है, इनको पागल बना देता है। पांच साल में लाल चिट्टे होकर निकलते हैं। श्रवण कुमार ने नसीहत दी: इस चासनी में डूबे हो तो जलेबी बनकर निकलो। मतलब यह कि लोगांे के काम करो। जो जनता का काम करेगा उसका आज नहीं तो कल प्रतिफल जरूर मिलेगा।
रोडवेज पर: शराब पीकर चलने वाले ड्राइवर को तुरतं बर्खास्त करो
ट्रांसपोर्ट में इतना बड़ा घोटाळा है कि देखने के लिये दोनों आंखों पर दो चश्मे लगाने पड़ेंगे। रोडवेज का प्राइवेटाइजेशन भाजपा सरकार ने किया। उसका असर यह हुआ कि रोडवेज कर्मचारी बगैर तनख्वाह बैठे हैं। प्रदर्शन कर रहे हैं। रोडवेज बेनिफिट का कारखाना है। उसको सही ढंग से चलाया जाए तो रोडवेज कभी भी फेल नहीं हो सकती। इसके साथ ही जो ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चलाता है उसको तुरंत बर्खास्त करो। टीआई, एटीआई जैसी पोस्टें खत्म कर दी। चैकिंग नहीं होती। चैकिंग के बगैर काम नहीं होता। डीटीओ तक को खत्म कर दिया। फिटनैस का काम प्राइवेट आदमी कर रहा है। गाड़ी गुजरात में एक्सीडेंट हो रही है और उसी दिन झुंझुनूं में फिटनैस हो रही है। यह कितनी बड़ी विडंबना है।