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NAGAUR : झरनों का लुत्फ उठाने शहरवासी उमड़े

RNE, MARWAR-MUNDWA (NAGAUR). 

आखिर लम्बे इंतजार के बाद इन्द्र देवता ने मारवाड़ मूण्डवा की ओर रूख कर ही लिया। पुरे प्रदेश मे सब ओर वर्षा हो रही थी मगर मारवाड़ मूण्डवा शहर से सटे सभी नाडी तालाब अब तक रीते ही पड़े थे। इस मानसून यह पहली झमाझम बारीश थी। सावन मास की यह पहली झमाझम बारीस थी।

बुधवार दोपहर पश्चात करीब तीन बजे बारीश को दौर शुरू हुआ। लगभग पौन घंटे तक वर्षा होती रही। तहसील मुख्यालय पर लगे वर्षा मापी से 28 एमएम वर्षा दर्ज की गई।

शहर वासियों को एक अच्छी वर्षा का लम्बा इंतजार था। पुरे सावन महिने में मारवाड़ मूण्डवा के आस पास के क्षेत्रों में तो जमकर वर्षा हो रही थी मगर शहर में रिमझिम ही रही थी।

बुधवार को भी हुई वर्षा से केवल मानसून की बेरूखी सी ही टुटी है। मगर इस वर्षा से शहर से सटे पोकण्डी तालाब, लाखोलाव तालाब, मोटोलाव, ज्ञानतालब, खेतंडा तालाब सहित विभिन्न तालाबों में पानी की आवक हुई है।

पानी की आवक होते ही युवा इन झरनों का लुत्फ उठाने के लिए उमड़ पड़े। पौकण्डी तालाब और लाखोलाव तालाब में पानी की तेज आवाज के साथ झरने के से रूम में तालाब में गिरता है। इससे सुंदर प्राकृतिक मनोरम नजारा बन जाता है। इन झरनों को देखने और इनका लुत्फ उठाने के लिए शहरवासी इनकी ओर उमड़ पड़ते है। ऐसा ही नजारा बुधवार को भी नजर आया।

वहीं शहर के गांधी चौक तथा पंजाबी बाबा प्याऊ चौराहे पर वर्षा के दौरान कुछ समय तक लबालब पानी भी भरा रहा। इस वर्षा से डिप्टी कार्यालय में भी पानी भर जाता है। बता दें कि इससे पहले विगत 29 जून को हल्की वर्षा हुई थी उसके पश्चात आज 14 अगस्त को ही वर्षा हुई है। लगभग पुरा सावन मास लगभग सुखा ही बीत गया। जाते सावन में यह वर्षा हुई है। शहर वासियों ने अच्छी वर्षा के लिए हवन भी करवाये महादेव का अभिषेक भी किया।

आकाशीय बिजली गिरी :

वहीं बुधवार को हुई वर्षा के दौरान शहर के बालकिशन मंदिर के पास एक आवासीय मकान पर आकाशीय बिजली गिर गयी। हालांकी इससे कोई जन हानी तो नहीं हुई परन्तु मकान की दत की रैलिंग टूटकर गिर गयी। जिससे मकान के बाहर का दरवाजा व सीढ़ियों को भी नुकसान हुआ गनीमत रही है रैलिंग गिरने के दौरान नीचे कोई नहीं था।