Awake Craniotomy in PBM : जागती हुई महिला से बातें करते, हाथ-पांव हिलाते कर दी ट्यूमर की जटिल सर्जरी
- एनिस्थिसिया और न्यूरो सर्जन्स के विशेष प्रयासों से बीकानेर में नई तकनीक से जटिल ऑपरेशन
- डॉ.कपिल पारीक ने ट्यूमर का जटिल ऑपरेशन किया
- डॉ. दिनेश सोढ़ी एवं एनिस्थिसिया विशेषज्ञ डॉ. सोनाली धवन की देखरेख
RNE Bikaner
बीकानेर में पीबीएम हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने न केवल ट्यूमर की एक जटिल सर्जरी की वरन ऐसी तकनीक और महारत का इस्तेमाल किया कि ब्रेन सर्जरी करते हुए भी महिला रोगी से लगातार बातें करते रहे। उसे कहकर हाथ-पांव तक हिलवाते रहे। सर्जरी की इस तकनीक को Awake Craniotomy (AC) कहते हैं। इस तकनीक में न्यूरो सर्जन के साथ ही एनस्थेटिस्ट की खास भूमिका होती है। वह इसलिए कि एनस्थीसिया की कुछ खास दवाइयां इस तरह दी जाती है कि सर्जरी के दौरान मरीज होश में रहता है और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करता रहता है।
जानिये कौन मरीज, किसने की सर्जरी, क्या बीमारी :
दरअसल पीबीएम हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जरी विभाग में मिर्गी से पीड़ित 30 वर्षीय महिला का इलाज चल रहा था जिसके ट्यूमर की सर्जरी करने की जरूरत थी। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कपिल पारीक ने विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश सोढ़ी की देखरेख में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में निःशुल्क ऑपरेशन किया।
डॉक्टर कपिल से जानें कैसे हुई सर्जरी :
डॉ. कपिल पारीक ने बताया कि ऑपरेशन अवेक क्रेनियोटॉमी तथा न्यूरोनेविगेशन गाइडेड आधुनिक तकनीक द्वारा किया गया। अवेक क्रेनियोटॉमी में मरीज ऑपरेशन के दौरान होश में रहा तथा मरीज़ को अपने हाथों-पैरों की हरकतें करने के लिए बोला जाता रहा।
मरीज बीच-बीच में बात भी करती रही, ताकि ऑपरेशन करने के दौरान अगर मरीज़ के हाथों पैरों में कोई कमज़ोरी आने जैसा आभास लगे तो ऑपरेशन वहीं रोक दिया जाए। ट्यूमर पूर्णतया व सटीकता के साथ निकल जाए इसके लिए नई तकनीक न्यूरोनेविगेशन गाइडेड ट्यूमर सर्जरी का उपयोग किया गया । इसके अंतर्गत ऑपरेशन वाले एरिया को नेविगेशन मशीन की गाइडेंस में ब्रेन ट्यूमर निकाला गया जिससे अधिक से अधिक ब्रेन ट्यूमर निकाला जा सके व कम से कम सामान्य ब्रेन को नुक़सान हो । ओपरेशन पूर्णतया सफल रहा व ऑपरेशन के बाद मरीज़ पूरी तरह से स्वस्थ है।
क्या है अवेक क्रेनियोटोमी :
Awake Craniotomy यानी जागृत कपाल-उच्छेदन वह ब्रेन सर्जरी है जिसमें रोगी प्रक्रिया के दौरान जागृत और सतर्क रहता है। इसका उपयोग ट्यूमर और मिर्गी के दौरे के इलाज के लिए आमतौर पर तब किया जाता है, जब ट्यूमर या दौरे का केंद्र मस्तिष्क के उन क्षेत्रों के पास होता है जो गति, भाषण या दृष्टि को नियंत्रित करते हैं।
जागृत क्रैनियोटॉमी के दौरान रोगी की संवेदी और भाषा क्षमताओं की रक्षा करने में मदद मिलती है। रोगी इस प्रक्रिया में गिनती या पढ़ने जैसे सवालों के जवाब देते हुए न्यूरोलॉजिकल परीक्षण से गुजरता है।
ट्यूमर के आकार और स्थान तथा सर्जरी से पहले के लक्षणों के आधार पर मरीज 45 मिनट से लेकर कई घंटों तक जागता रहता है। मरीज को दर्द महसूस नहीं होता क्योंकि मस्तिष्क में दर्द रिसेप्टर्स नहीं होते हैं और खोपड़ी को स्थानीय एनेस्थेटिक से सुन्न कर दिया जाता है। जागृत क्रेनियोटॉमी से मरीजों की संतुष्टि बहुत अधिक है, लगभग 90% मरीज संतुष्टि की रिपोर्ट करते हैं।
Neuronavigation क्या है :
न्यूरोनेविगेशन एक कंप्यूटर-असिस्टेड टेक्नोलोजी है जो सर्जन को सर्जरी के दौरान खोपड़ी या कशेरुका स्तंभ को नेविगेट करने में मदद करती है। इसका उपयोग अक्सर मस्तिष्क, तंत्रिका और रीढ़ की हड्डी की सर्जरी में किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग कुछ आर्थोपेडिक सर्जरी में भी किया जा सकता है।
इनका रहा विशेष सहयोग :
पीबीएम अधीक्षक तथा एनिस्थिसिया विशेषज्ञ डॉ. सोनाली धवन, न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश सोढ़ी, डॉ. गरीमा सारस्वत, डॉ. विशाल देवड़ा, डॉ. नेहा, डॉ. रितु गौड़ डॉ. रितेश, डॉ रामसिंह नर्सिंग स्टाफ विष्णु का विशेष सहयोग।