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बधावणा: गांव के डॉक्टर बेटे की शादी एम्स की डॉक्टर से हुई तो दुल्हन को हैलिकॉप्टर में गांव लाये

मूंडवा से एन. एल. कड़ेल की रिपोर्ट

RNE Nagaur.

‘पालकी में होके सवार चली रे… मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे…’ फिल्मी गीत से लेकर लोकगीतों और रीति-रिवाजों तक में दुल्हन की ससुराल में भव्य अगवानी की परंपरा दिखती है। अब पालकी की जगह लग्जरी कारें ले रही हैं।

इन सबके बीच किसी दुल्हन को अगर फेरों के बाद पहली बार हैलिकॉप्टर में ससुराल लाया जाए तो आश्चर्य होना स्वाभाविक है। यह आश्चर्य तब हैरानी में बदल जाता है जब पता चलता है कि दुल्हन को किसी शहर नहीं गांव में पहली बार अपनी ससुराल लाया गया और वह भी हैलिकॉप्टर में।

हैरानी मिश्रित खुशी की यह घटना राजस्थान के नागौर जिले के एक गांव की है। दरअसल यहां पहली बार दुल्हन को ससुराल लाने की प्रथा को ‘बधावणा’ कहते हैं। नागौर जिले की मूंडवा तहसील के कुचेरा क्षेत्र में आने वाले अड़वड़ गांव में भी बधावा हुआ लेकिन ऐसा जो गांव ही नहीं देशभर में चर्चा का विषय बन गया।

दरअसल यहां के हरीश जांगिड़ पेशे से चिकित्सक हैं। उनकी शादी भी एम्स की डॉक्टर ममता जांगिड़ से हुई। परिवारवालों ने तय किया की शादी के बाद दुल्हन का बधावणा ससुराल के तौर पर गांव के घर में ही होगा।

चूंकि गांव में पहली डॉक्टर दुल्हन आ रही है तो उसकी अगवानी भी खास होनी चाहिये। इसी खास अगवानी के लिए दूल्हे डॉक्टर हरीश जांगिड़ और दुल्हन डॉक्टर ममता जांगिड़ को हेलीकॉप्टर में गांव लाया गया।

परिवार की महिलाओं ने हैलिकोप्टर में ही आरती की व दुल्हन को गोद में उठाकर बधावणा किया। इस अवसर पर पुष्पवर्षा की गई तथा बधावणा के मंगल गीत गाए गए।

नवदम्पत्ति के ऐतिहासिक बधावणे व हेलीकॉप्टर देखने के लिए अड़वड़ सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष, युवा व बच्चे हेलीपेड पर एकत्रित हो गए।