रणजी में मुंबई की हार बता रही BCCI को समय रहते उठाने ही होंगे कुछ कदम !
RNE Special
एक ओर रोहित शर्मा को ICC टी-20 टीम 2024 का कप्तान चुना गया है(रोहित ने 2024 में T-20 क्रिकेट में 160 की स्ट्राइक से 378 रन बनाए थे )वही रोहित समेत 6 इंटरनेशनल खिलाड़ियों से भरी मुंबई टीम रणजी ट्रॉफी के एक मैच में जम्मू-कश्मीर की टीम के सामने सरेंडर कर गई।
उपर्युक्त दोनों खबरें भारतीय क्रिकेट की वर्तमान की असली तस्वीर पेश कर रही है। आईपील के एक्सपोजर के कारण अधिकांश भारतीय खिलाड़ी फटाफट क्रिकेट में तो पारंगत हो गए है।अचरज नहीं कि भारत ने इंग्लैंड के सामने हाल ही में खेले गए दो टी टवेंटी मैच जीत लिए है। टी टवेंटी कप्तान सूर्य कुमार यादव अब तक एक भी टी टवेंटी सीरीज नहीं हारे है, लेकिन क्रिकेट के परम्परागत फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट में भारतीय क्रिकेट का ऑवर ऑल स्टैंडर्ड ही अनवरत गिर रहा है। रणजी मैच में जम्मू -कश्मीर की जीत यही संकेत दे रही है कि टीम इंडिया के खिलाड़ी रेड बॉल क्रिकेट में लगातार आउट ऑफ़ टच नजर आ रहें है। इसी विषय पर BCCI और बोर्ड की सलेक्शन कमेटी को गौर करना ही होगा, नहीं तो भारत का क्रिकेट कल्चर और नवोदित प्रतिभाएं इस संकट से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाएगी।
BCCI, सलेक्शन कमेटी और टीम इंडिया के मैंनेजमेंट के पास अपनी टेस्ट क्रिकेट को सुधार करने के लिए अभी कम से कम चार माह का समय उपलब्ध है। टीम इंडिया इस वक़्त इंग्लैंड के साथ 5 टी टवेंटी मैच की सीरीज खेल रही है, फिर तीन वन डे मैच की सीरीज भी होगी।
इंग्लिश टीम के दौरे के बाद फ़रवरी -मार्च में चैंपियंस ट्रॉफी खेलने में भारत की टीम मशरूफ रहेगी और फिर डेढ़ महीने तक IPL का सीजन चलेगा।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पूर्व चयन के लिए संभावित खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और शेड्यूल उसी हिसाब से होना चाहिए। विराट कोहली 30 जनवरी से रेलवे के खिलाफ करीब 12 साल बाद घरेलू क्रिकेट में उतरते दिखाई देंगे। विराट का 12 साल बाद डोमेस्टिक क्रिकेट को समय देना ही यह इंगित करता है कि भारतीय क्रिकेट में सुपर स्टार कल्चर कितना हावी है। BCCI को टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट का हिस्सा होना मेंडेटरी करना होगा, तभी टेस्ट क्रिकेट के लिए टीम इंडिया के खिलाड़ी अपनी स्पोर्ट्स स्किल को बारम्बार टेस्ट कर पाएंगे।
BCCI भी घरेलू क्रिकेट के लिए पिचों का निर्माण इंटरनेशनल क्रिकेट के मानकों के आधार पर करें, भारत के पाटा और स्पिन फ्रेंडली विकेट पर खेल -खेलकर हमारे खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया -इंग्लैंड के ग्रीन टॉप पिचों पर एक्सपोज हो जाते है।
लगातार घरेलू क्रिकेट खेलकर,घासदार और स्पिन पिचों पर सतत अभ्यास से और BCCI की सख्ती से भारतीय क्रिकेट, विशेष रूप से टेस्ट क्रिकेट पुन :पटरी पर लौट सकता है। अभी सही समय है यह सब कदम उठाने का, क्योंकि टीम इंडिया बदलाव के दौर से गुजर रही है। अगले दो साल में नई टेस्ट टीम देखने कों मिलेगी, उससे पहले अभ्यास, अनुशासन खिलाड़ियों की घड़त में समां गए तो परिणाम भी फैंस और खिलाड़ियों के मन का ही आएगा।
मनोज रतन व्यास को समान्यतया फिल्म समीक्षक, लेखक, कवि के रूप में जाना जाता है। कम लोग जानते है कि बिजनेस मैनेजमेंट के महारथी और मीडिया में प्रसून जोशी के साथ एडवरटाइजमेंट क्रिएटीविटी टीम के सदस्य रहे मनोज गहरी दृष्टि वाले खेल समीक्षक हैं। rudranewsexpress.in के पाठक Sunday Sports Talk में उनकी इसी “फील्ड से फिनिश लाइन” तक वाली समीक्षकीय दृष्टि से हो रहे हैं रूबरू।