
अकेले रहने से भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं, सकारात्मक पहलू, एक स्टडी में पता लगा कि रचनात्मकता बढ़ती है इससे
RNE Network.
अकेलेपन को अक्सर सामाजिक समस्या माना जाता है। कई रिसर्च में इसे डिप्रेशन से भी जोड़ा गया है। लेकिन इसका सकारात्मक पहलू भी है।कई लोग अकेले रहने को ‘ सकारात्मक एकांत ‘ मानते हैं। अकेला रहने वाला इंसान खुद से जुड़ता है। एक मनोवैज्ञानिक ने 10 सालों तक अकेले रहने वाले लोगों पर रिसर्च की और पाया कि अकेले समय बिताने से हम खुद को रीचार्ज कर पाते हैं। भावनात्मक रूप से मजबूत बनते हैं और हमारी रचनात्मकता भी बढ़ती है।
2024 एक राष्ट्रीय सर्वे के अनुसार, 56 प्रतिशत अमेरिकी मानते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए अकेले समय बिताना बेहद जरूरी है। इतना ही नहीं, अब कॉस्टको जैसी कम्पनियां भी ‘ एकांत शेड ‘ बेच रही है। जहाँ करीब 1 लाख 66 हजार रुपये में लोग अपने लिए थोड़ी शांति खरीद सकते हैं।