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पंडित विजय शंकर व्यास पढ़ रहे भागवत, डॉक्टर विजय कच्छावा यजमान बने, कलश यात्रा हुई, महात्म्य बताया

RNE Bikaner. 

बीकानेर के श्रीलक्ष्मीनाथजी मंदिर परिसर में पंडित विजयशंकर व्यास ने श्रीमद भागवत कथा पाठ शुरू किया जिसका श्रवण करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे। श्रीमद् भागवत प्रवचन पीयूष समिति तथा श्री लक्ष्मी नाथ मंदिर विकास एवं पर्यावरण समिति के संयुक्त तत्वाधान में श्री गणेश मंदिर के पास टिनशेड परिसर में “कलश यात्रा” के साथ शुभारंभ हुआ।

पर्यावरण समिति के सचिव सीताराम कच्छावा ने बताया कि गुरुवार से शुरू भागवत के पहले दिन पंडित व्यास द्वारा मंडप स्थापना की गई,तत्पश्चात यजमान डॉक्टर विजय कच्छावा द्वारा सपत्नीक पूजा अर्चना की गई। पूजन के बाद बैंड की सुमधुर ध्वनियों के साथ कीर्तन करते हुए नगर सेठ भगवान श्री लक्ष्मी नाथ जी मंदिर की परिक्रमा करते हुए मंगल कलश यात्रा निकाली गई फिर सभी दर्शनार्थियों ने मिलकर श्री भागवत जी की आरती की

पहले दिन पद्म पुराण का जिक्र : 

पहले दिन भागवत के महात्म्य के विषय में कथावाचक पंडित विजय शंकर व्यास ने बताया कि पद्म पुराण के अंतर्गत भागवत का महत्व बताया गया है । जो भागवत के महत्व को प्रतिपादित करें- उसे भागवत का महात्म्य कहते हैं और महात्म्य में बताया गया कि भगवान जो नहीं कर सकते वह संत, गुरु और भक्त कर देता है,क्योंकि संत गुरु और भक्त किसी को भी अपना पुण्य स्थानांतरित कर सकते हैं और वह किसी के जीवन को बदल सकते हैं । इसका स्पष्ट उदाहरण अम्बरीश का चरित्र है, जिसमें भगवान ने दुर्वासा को कह दिया कि मै स्वतंत्र होते हुए भी भक्त के अधीन हूँ।

पंडित व्यास जी ने कहा कि, भागवत सुनने से क्या पुण्य मिलता है यह तो पता नहीं पर पुण्यों से ही भागवत सुनने का सौभाग्य मिलता है। भागवत सुनने से हमें भगवान के स्वभाव का पता लगता है। भागवत कथा में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे देवस्थान विभाग के सहायक निदेशक श्री गौरव सोनी ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला।

मुन्ना महाराज ने बताया कि आयोजन की व्यवस्थाओं में शिवचंद तिवाड़ी, शिव शंकर कुशवाहा, घनश्याम महात्मा,गिरिराज जोशी,अनिल सोनी,राजेश दाधीच,गोपाल आचार्य,विनोद महात्मा,हरी प्रकाश सोनी, नारायण कच्छावा,कैलाश छीम्पा, अशोक सोलंकी, मुकेश जोशी, पवन बडगूजर,अजय कच्छावा ने सहयोग किया।