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भागवत ने कहा, विकास के लिए प्रकृति का दोहन नहीं, सरसंघचालक जी ने भारत व पश्चिम के सोच का अंतर बताया

RNE Network.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि भारत ने कभी अपने ज्ञान पर अहंकार नहीं किया। इसके साथ ही बिना प्रकृति का दोहन किये विकास किया। ये भारत की विशेषता रही है।लखीमपुर खीरी के एक कार्यक्रम में भागवत ने युवाओं से कहा कि भारत की परंपराएं, विद्या और जीवन दृष्टि आज भी दुनिया को राह दिखा सकती है। भागवत ने युवाओं से सेवा, समर्पण और राष्ट्र निर्माण के मार्ग पर चलने के लिए कहा। उन्होंने पारिवारिक व्यवस्था को भारतीय समाज की आत्मा बताया और कहा कि भारत में परिवार ही समाज की ईकाई है, जबकि पश्चिम में व्यक्ति।