जनरंजन : उप चुनाव में कांग्रेस को मिली शर्मनाक हार, डोटासरा बनेंगे दो दिन के मेहमान !
पहले हरियाणा और फिर महाराष्ट्र में करारी हार के साथ कांग्रेस को राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी शर्मनाक पराजय मिली। भाजपा ने उप चुनाव में कांग्रेस से उसकी 3 सीटें छीनकर विधानसभा में अपनी शक्ति बढ़ा ली। राजस्थान की हार भी पार्टी को सालने वाली रही।
हार से परेशान कांग्रेस ने तुरंत सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई। इस बैठक में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से सीधे सीधे कहा– खड़गे जी, ये क्या हो रहा है। संगठन में नीचे से ऊपर तक बदलाव किए बिना काम नहीं चलेगा। खड़गे भी हार से खासे नाराज थे और अपने संबोधन में साफ कह दिया कि अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले राज्यों में तुरंत सांगठनिक बदलाव किए जाएंगे।
हरियाणा व महाराष्ट्र में पार्टी अध्यक्ष बदले जाने तय है। इसके अलावा जिन राज्यों के अध्यक्षों में बदलाव की चर्चा है उनमें राजस्थान भी शामिल है। लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन होने के कारण उस समय पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा को नहीं बदला गया था। जबकि उनका कार्यकाल पूरा हो गया था। विधानसभा उप चुनाव की पूरी जिम्मेदारी आलाकमान ने प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, डोटासरा व नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जुली पर छोड़ी थी। उम्मीदवार चयन से लेकर प्रचार तक का जिम्मा इन्हीं के पास था। इस चुनाव में कांग्रेस का बहुत खराब प्रदर्शन रहा। नेता प्रतिपक्ष जुली भी अपने क्षेत्र की रामगढ़ सीट नहीं बचा पाये। जाट बेल्ट की सीटें झुंझनु कांग्रेस हारी व खींवसर में तो जमानत जब्त हो गई। 7 में से कुल 4 सीट पर कांग्रेस की जमानत जब्त हुई, ये बड़ी शर्मनाक स्थिति थी।
इस पृष्ठभूमि में अब माना जा रहा है कि पीसीसी के अन्य पदधिकारियो के साथ पार्टी अध्यक्ष व प्रभारी को भी बदल सकती है। प्रभारी रंधावा इस बार लोकसभा का चुनाव जीत गए हैं तो अब वे राज्य में कम समय दे पाते हैं, उसका असर पड़ता उप चुनाव में साफ दिखा। संसद में भी उनको व्यस्त रहना पड़ता है। इस हालत में प्रभारी बदलना तो लगभग तय है। किसी ऐसे नेता को प्रभारी बनाया जायेगा जो पूरा समय राज्य में दे और संगठन को खड़ा करे।
पीसीसी चीफ बदलने की चर्चा भी अब तेजी से शुरू हुई है। राज्य में दो खेमे पार्टी साफ नजर आते हैं। डोटासरा पहले खुलकर एक खेमे के साथ थे और बाद में अपने को अलग से खड़ा करने की कोशिश करते दिखे। दूसरा खेमा इसी बात का लाभ उठा रहा है। उप चुनाव हार के बाद आलाकमान को उस खेमे की तरफ से एक रिपोर्ट भी दी गई है। शर्मनाक हार तो सामने है ही। उससे नाराज आलाकमान राज्य की कांग्रेस में बड़े बदलाव करेगा, जिसका संकेत राहुल के कहने पर खड़गे ने भी दिया है।
माना जा रहा है कि नया साल आने से पहले ही राज्य कांग्रेस में बदलाव की स्क्रिप्ट लिख दी जायेगी। डोटासरा को लेकर ही सवाल ज्यादा बड़ा है, वो भी स्पष्ट हो जायेगा। मगर इतना तय है कि राजस्थान कांग्रेस की सूरत और सीरत, दोनों में बदलाव होगा।
मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘ के बारे में
मधु आचार्य ‘आशावादी‘ देश के नामचीन पत्रकार है लगभग 25 वर्ष तक दैनिक भास्कर में चीफ रिपोर्टर से लेकर कार्यकारी संपादक पदों पर रहे। इससे पहले राष्ट्रदूत में सेवाएं दीं। देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में आचार्य के आलेख छपते रहे हैं। हिन्दी-राजस्थानी के लेखक जिनकी 108 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। साहित्य अकादमी, दिल्ली के राजस्थानी परामर्श मंडल संयोजक रहे आचार्य को अकादमी के राजस्थानी भाषा में दिये जाने वाले सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका हैं। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सर्वोच्च सूर्यमल मीसण शिखर पुरस्कार सहित देशभर के कई प्रतिष्ठित सम्मान आचार्य को प्रदान किये गये हैं। Rudra News Express.in के लिए वे समसामयिक विषयों पर लगातार विचार रख रहे हैं।