
RGHS : इलाज लिए बिना ही आरजीएचएस में बन जाता था बिल, अब SMS आएगा, फर्जीवाड़े पर रोक!
RNE Jaipur-Rajasthan.
राजस्थान की RGHS योजना में हो रहे इलाज को लेकर की गई जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इन खुलासों के साथ ही अब भ्रष्टाचार पर रोक के लिए SMS Allert का नया फीचर जोड़ा गया है।
जांच में यह खुलासा :
दरअसल वित्त विभाग ने राज्य में आरजीएचएस योजना में दावों के सम्बन्ध में विभिन्न प्रकार की जाँचों व अंकेक्षण का कार्य किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि कई प्रकरणों में राजकीय कार्मिक/पेंशनर्स/ उनके लाभार्थी परिजनों को यह सूचना नहीं थी कि उनके आरजीएचएस कार्ड के माध्यम से वे कितना लाभ प्राप्त कर चुके हैं। कई मामलों में बिना लाभ प्राप्त किये ही उनके कार्ड के माध्यम से भुगतान दिखा दिया गया।
दवाई का मेसेज आता लेकिन क्लेम का नहीं :
समस्या की तह तक जाने पर पाया गया कि फार्मेसी से ली जाने वाली दवाइयों के सम्बन्ध में तो एक एसएमएस पूर्व में जाता था जिसमें दवाईयों पर होने वाले खर्च की राशि बताई जाती थी परन्तु यह एसएमएस आईपीडी/ओपीडी/डे केयर दावों के सम्बन्ध में नहीं था। अब सिस्टम में संशोधन करते हुए व्यवस्था की गई है कि लाभार्थी को अस्पताल/चिकित्सक के माध्यम से प्राप्त होने वाली आईपीडी/ओपीडी की दावे की राशि का पता लग सके।
अब यह नई व्यवस्था :
इस सम्बन्ध में शासन सचिव वित्त (व्यय) विभाग नवीन जैन ने बताया कि अब इस नई व्यवस्था से दोहरा फायदा होगा। पहला फायदा यह होगा कि राशि देखकर लाभार्थी अतिरिक्त बिलिंग की जानकारी के आधार पर निर्णय ले सकता है, साथ ही अस्पताल अब इलाज व दवा की राशि को बढ़़ा-चढ़ाकर दावा प्रस्तुत नहीं कर पायेंगे।
लगातार हो रहा सुधार :
गत दो माह से एआई तकनीक के माध्यम से लगातार आरजीएचएस सिस्टम को सुधारने का कार्य हो रहा है और इसी फीडबैक के आधार पर यह एसएमएस सुविधा प्रारम्भ की गई है। यह जानकारी लाभार्थी को उनके आरजीएचएस योजना में पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर प्राप्त होगी और यदि किसी लाभार्थी को उक्त राशि के एसएमएस प्राप्त नहीं होते हैं तो वे 181 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
वित्त विभाग ने सभी लाभार्थियों को अपने आरजीएचएस कार्ड नम्बर तथा ओटीपी किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करने की सलाह दी।