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इन दिनों में तय हो जाएंगे सभी जिलों में पार्टी के अध्यक्ष, बाहरी ऑब्जर्वर, स्थानीय नेताओं का दबाव नहीं चल पायेगा

नये राज्य संगठन की नींव बनेंगे नये जिलाध्यक्ष
जिलाध्यक्षों से सीधे बात करेंगे खड़गे व राहुल
जन्मदिन पर क्या डोटासरा ने किया था शक्ति प्रदर्शन
 

मधु आचार्य ' आशावादी '
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RNE Special.
 

कल से आने वाले दो सप्ताह राज्य की कांग्रेस व कांग्रेस नेताओं के लिए खासे महत्त्वपूर्ण है। इन दो सप्ताह में जिले से लेकर प्रदेश तक के कई नेताओं के भाग्य का फैसला होगा और एक तरह से कांग्रेस की राजनीति में उनका भविष्य भी तय होगा। कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान चल रहा है। जिसके तहत राज्य में पूरा का पूरा सांगठनिक ढांचा नये रूप में खड़ा किया जायेगा। 
 

दो सप्ताह, 4 से 20 अक्टूबर, इन दिनों में कांग्रेस में बदलाव की स्क्रिप्ट लिखी जायेगी। ये स्क्रिप्ट फिर 30 अक्टूबर के बाद अमली जामा पहनेगी। इस कारण 4 से 20 अक्टूबर के मध्य राज्य के हर जिले में कांग्रेस में बेहद सक्रियता नजर आयेगी। इन दिनों में आलाकमान द्वारा नियुक्त ऑब्जर्वर अपने अपने जिलों में जाएंगे और जिला अध्यक्ष के लिए रिपोर्ट तैयार करेंगे। चयन का आधार आलाकमान दिल्ली में बैठक कर इनको बता चुका है। ये ऑब्जर्वर अपनी रिपोर्ट भी राज्य में नहीं, सीधे आलाकमान को देंगे।
 

इस बार नहीं चलेगा कोई दबाव:
 

कांग्रेस में अब तक संगठन बनाने की यह प्रक्रिया रही है कि जिले के कद्दावर नेता सिफारिश करते और प्रदेश उनके किसी समर्थक, जो उन्होंने सुझाया है, उसके हाथ में संगठन सौंप देता। 
 

इस बार कांग्रेस बदली हुई है। उसने ऑब्जर्वर भी दूसरे राज्यों से लगाए है। उनकी बैठक भी राष्ट्रीय नेतृत्त्व ने ली है। उनकी रिपोर्ट भी वे ही लेंगे और अध्यक्ष घोषित करेंगे। जिले या प्रदेश के बड़े नेता इस बार अपने चहेतों को पद नहीं दिलवा सकेंगे। ये तय है। 20 अक्टूबर तक सभी जिलाध्यक्ष तय हो जायेगे। 30 अक्टूबर तक प्रदेश में बदलाव की घोषणा हो जायेगी।
 

बड़े नेताओं की रिपोर्ट भी बनेगी:
 

जिलों में आलाकमान की तरफ से आने वाले ऑब्जर्वर जिले के बड़े नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे। उनकी राय भी जानेंगे, मगर दबाव नहीं मानेंगे। एक तरह से ऑब्जर्वर बड़े नेताओं की बैठकों की रिपोर्ट में इन नेताओं के बारे में भी जानकारी आलाकमान को उपलब्ध कराएंगे। कौन दबाव बनाता है, क्या रुख अपनाता है, ये पूरी जानकारी आलाकमान तक पहुंचेगी।
 

नये राज्य नेतृत्त्व की नींव जिलाध्यक्ष:
 

नये जिलाध्यक्ष ही अगले प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश कांग्रेस संगठन की नींव होंगे। उनके आधार पर ही प्रदेश अध्यक्ष बनेगा। पहले की तरह नहीं होगा कि प्रदेश अध्यक्ष की मर्जी भी जिला अध्यक्ष में  चलेगी, अब मर्जी तो आलाकमान की ही  चलेगी।
 

जिलाध्यक्षों से होगी सीधी बात:
 

इस बार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने साफ कहा है कि जिलाध्यक्षों को मजबूत किया जाएगा। टिकट वितरण में उनकी राय को भी प्राथमिकता मिलेगी। जिलाध्यक्षों से खड़गे व राहुल सीधे बात करेंगे। 
 

डोटासरा का शक्ति प्रदर्शन:
 

पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा का 1 तारीख को जन्मदिन था। इस दिन उन्होंने जयपुर में जन्मदिन मनाया। पूरे राज्य से लोग उनको बधाई देने पहुंचे। जोर शोर से इसका प्रचार भी किया गया। एक तरह से यह डोटासरा का बड़ा शक्ति प्रदर्शन था।
 

क्योंकि यह माना जा रहा है कि कार्यकाल पूरा होने के कारण आलाकमान प्रदेश में संगठन का मुखिया किसी अन्य नेता को भी बना सकता है। उस संभावना को देखते हुए ही डोटासरा ने बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया।
 

अक्टूबर कांग्रेस के लिए महत्त्वपूर्ण:
 

अक्टूबर महीना कांग्रेस के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस महीने में संभव है कि कांग्रेस में जिले से लेकर प्रदेश तक बड़ा बदलाव हो जाये। कांग्रेस अभी से अगले  विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटना चाहती है। इस तरह के संकेत आलाकमान ने दे दिए है

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