बीजेपी Madan Rathore : आखिर किसकी शह पर बीकानेर के अधिकारी यहां के भाजपा के विधायकों की भी नहीं सुनते
RNE Bikaner.
राजस्थान में यह आरोप विपक्ष लगातार लगा रहा है कि अधिकारी भाजपा विधायकों की भी नहीं सुनते। सरकार का इकबाल खत्म हो रहा है। विधायक भी गाहे-बगाहे इसकी शिकायत करते दिखते हैं। अब यह बात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी खुले मंच से कह दी। इसके साथ ही अधिकारियों को चेतावनी भी दे दी कि अगर जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनी तो ठीक नहीं रहेगा!
जानिये क्या बोले मदन राठौड़:
दरअसल भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ बीकानेर दौरे पर हैं। यहां उन्होंने भाजपा के बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास के विधायक जनसुनवाई केन्द्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर राठौड़ ने संगठन और कार्यकर्ताओं की बात करने के साथ ही मंच से खुले तौर पर अधिकारियों को चतावनी दी। राठौड़ ने कहा कि मुझे कुछ पता चला है। मैं अधिकारियों को पाबंद करना चाहता हूं। हमारे जनप्रतिनिधि जनसेवक हैं। इनका कहा मानिये और जनसेवा के लिए अपने को आपको समर्पित कीजिये।
बीडीए ऑफिस से लेकर मास्टर प्लान तक एमएलए दरकिनार:
दरअसल बीकानेर नगर सुधार न्यास को बीकानेर विकास प्राधिकरण यानी बीडीए में क्रमोन्नत किया गया। इसके साथ ही इसका श्रेय लेने की जहां होड़ लगी वहीं बीडीए कार्यालय की जगह तय करने पर भी सवाल उठे। बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास ने इसे शहर में ही खोलने की मांग उठाई। इससे इतर कलेक्टर जो बीडीए की अध्यक्ष थी उन्होंने शहर से बाहर जोहड़बीड़ में जगह तय कर दी।
गोचर पर बड़ा आंदोलन, चार एमएलए विरोध में:
बीडीए की ओर से बनाए जा रहे मास्टर प्लान में गोचर भूमि को व्यावसायिक के रूप में प्रस्तावित किया गया है। इसके विरोध मंे पूरे जिले से लोग सड़क पर उतर आए हैं। इस मामले में भाजपा विधायकों पर सवाल उठे कि उनकी सरकार होने के बावजूद आखिरकार प्रशासन यह कदम कैसे उठा सकता है। भाजपा के चार विधायकों बीकानेर पश्चिम के जेठानंद व्यास, कोलायत के अंशुमानसिंह भाटी, खाजूवाला के डा.विश्वनाथ मेघवाल और बीकानेर पूर्व की सिद्धीकुमारी ने इस मसले पर अपना विरोध सरकार के सामने दर्ज करवाया गया है।
और भी हैं मसले :
हालांकि ये दो मसले महज उदाहरण है। लगभग सभी विधायकों के पास ऐसे कई मुद्दे हैं जिसमें उनकी शिकायत हैं कि जनहित और विकास के मुद्दे और कानून व्यवस्था के सवाल पर भी अधिकारी उनकी बात को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। चूंकि जिले में प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर होते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सीधे तौर पर बीकानेर कलेक्टर और भाजपा विधायकों के बीच केमिस्ट्री कुछ ठीक नहीं है।
..तो किसकी शह पर चल रहा प्रशासन!
बार-बार एक संकेत किया जा रहा है कि प्रशासन भाजपा के एक पॉवरफुल नेता की शह पर चल रहा है। इस जिले में उस नेता के अलावा विधायक, जनप्रतिनिधि, अध्यक्ष सहित अन्य किसी की बात पर प्रशासन ध्यान नहीं देता। यहां तक कि राज्य के कैबिनेट मंत्री की बात भी इसलिए मानी जाती है क्योंकि वे इस पॉवरफुल नेता के बिलकुल निकटवर्ती हैं।