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बिजारणियां नवाजे गए राष्ट्रीय स्तरीय शांतिदेवी नागपाल अनुवाद सृजन सम्मान से

 

RNE Bikaner.

सृजन सेवा संस्थान, श्रीगंगानगर का राष्ट्रीय सृजन सम्मान समारोह नोजगे पब्लिक स्कूल कैम्पस में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मंगत बादल, इंदू टाक, पी. सूदन के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस समारोह में लूणकरणसर क्षेत्र के ख्यातनाम साहित्यकार राजूराम बिजारणियां को राष्ट्रीय स्तरीय शांतिदेवी नागपाल अनुवाद सृजन सम्मान से नवाजा गया।वहीं उनके शिष्य एवं इक्कीस कॉलेज, गोपल्याण के विद्यार्थी दामोदर शर्मा को कान्ता-कृष्ण मेहन महाविद्यालयी सृजन पुरस्कार दिया गया। द्वारकाप्रसाद नागपाल के सौजन्य से दिया गया यह अनुवाद सम्मान बिजारणियां को पंजाबी से राजस्थानी में अनुदित कविता संग्रह 'झोकड़ी खावतो बगत' के लिए मिला। गौरतलब है कि दोनों सम्मानित रचनाकार लूणकरणसर की कला, साहित्य को समर्पित संस्था 'सरोकार' से जुड़े हैं। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे सरोकार से जुड़े डॉ.मदन गोपाल लढ़ा, डॉ.हरिमोहन सारस्वत ने खुशी का इज़हार करते हुए बताया कि गत कई वर्षों से लूणकरणसर में सरोकार संस्थान के माध्यम से साहित्यिक वातावरण बना है, यह गौरवान्वित करने वाला है। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। बिजारणियां एवं शर्मा को शॉल ओढ़ाकर एवं अभिनंदन पत्र तथा चैक भेंट कर सम्मानित किया गया। संस्था के अरुण शैहरिया, कृष्ण कुमार आशु एवं सन्देश त्यागी ने सभी का आभार प्रकट किया।

इसलिए मिला सम्मान - 
बिजारणियां ने साहित्य अकादमी की अनुवाद परियोजना के तहत पुस्तक का पंजाबी कवयित्री मंजीत टिवाणा की पुस्तक का राजस्थानी भाषा में अनुवाद किया है जो साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित किया गया। बिजारणियां को इससे पूर्व साहित्य अकादेमी, दिल्ली के युवा पुरस्कार, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के बावजी चतुरसिंह राजस्थानी अनुवाद पुरस्कार, जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य पुरस्कार, भत्तमाल जोशी महाविद्यालय पुरस्कार, मनुज देपावत पुरस्कार, राजस्थान पाठ्य पुस्तक मण्डल जयपुर के कहानी पुरस्कार के अलावा रोटरी क्लब का ब्रजउर्मी अग्रवाल पद्य पुरस्कार से नवाज़ा जा चुका है।