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Bikaner 2025 : गोचर, हनुमान बेनीवाल, रामनिवास कूकणा, गोविंदराम, बी.डी. कल्ला, भंवरसिंह भाटी के प्रदर्शन, खेजड़ी बचाने सड़क पर उतरे

 

RNE Bikaner.
 

पूरे साल बीकानेर आंदोलित रहा। लगभग हर महीने किसी न किसी मुद्दे पर आंदोलित-आक्रोशित लोग सड़क पर उतरे। इनमें कई आंदोलन ऐसे रहे जिनमें हजारों की तादाद में लोग जुटे। इनमें गोचर भूमि बचाने का मुद्दा हो या देशनोक ब्रिज हादसे में एक ही परिवार के लोगों की मौत के बाद मुआवजे के लिए धरना। प्राइवेट डॉक्टर के खिलाफ पहली बार सड़क पर बड़ा आंदोलन हो या किसानों के लिए पूर्व मंत्री का प्रदर्शन। इन सबके बीच RLP की बीकानेर में स्थापना दिवस रैली ने भी प्रदेशभर का ध्यान खींचा। सोलर जहां विकास की रोशनी दिखा रहा है वहीं इससे हजारों खेजड़ियां कट रही हैं। खेजड़ी बचाने लंबा आंदोलन चल रहा है। 
 

एक ही परिवार के छह लोगों की मौत, नोखा से बीकानेर तक पड़ाव : 
 

देशनोक में 20 मार्च 2025 को हुए सड़क हादसे में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अशोक, मूलचंद्र, पप्पूराम, श्याम सुंदर, द्वारका प्रसाद और करणीराम शामिल थे। इस हादसे के बाद मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हुआ था। आंदोलन का नेतृत्व: पूर्व मंत्री गोविंद मेघवाल और केश कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र गहलोत ने किया। 

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  • 21 अप्रैल 2025 को बीकानेर बंद का आह्वान किया गया था, जिसमें व्यापारियों और स्थानीय जनता का व्यापक समर्थन मिला।
  • मृतक परिवारों को 40 लाख रुपये का मुआवजा देने पर सहमति बनी, जिसमें 5 लाख रुपये चिरंजीवी योजना से, 10 लाख रुपये प्रशासनिक स्तर पर नगद सहायता और 25 लाख रुपये दुर्घटना प्राधिकरण के माध्यम से फास्ट ट्रैक कोर्ट में फैसला करवा कर दिलाए जाने की सहमति बनी।

गोचर के लिए आंदोलन : 

बीकानेर में गोचर भूमि के लिए साधु-संत सड़क पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि राजस्थान सरकार ने 1 सितंबर 2025 को नोटिफिकेशन जारी कर गोचर भूमियों को बीकानेर विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज करने के आदेश दिए हैं, जो उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं ।
 

संत समाज का आरोप है कि सरकार गोचर भूमियों को आवासीय और व्यावसायिक श्रेणी में प्रस्तावित कर रही है, जो कानून के विपरीत है। उनका कहना है कि गोचर भूमि पशुधन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसका अधिग्रहण किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
 

इस आंदोलन के तहत 27 जनवरी 2026 से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने का ऐलान किया गया है, जिसमें देश भर के संत शामिल होंगे। संत समाज ने सरकार को 26 जनवरी 2026 तक का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें गोचर भूमि को सुरक्षित करने की मांग की गई है।
 

पूर्व मंत्री बी डी कल्ला ने किया उपवास, सद्बुद्धि यज्ञ : 
 

पूर्व मंत्री बी.डी. कल्ला ने बीकानेर में गोचर भूमि के लिए उपवास रखा और धरना दिया। यह आंदोलन गोचर भूमि को बीकानेर विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज करने के विरोध में किया जा रहा है, जिसमें संत समाज, गौसेवक और आम जनता शामिल हैं। कल्ला ने कहा कि यह गोचर भूमि बीकानेर के भामाशाहों ने सरकार से खरीदकर गायों के चरने के लिए रखी गई थी, लेकिन अब सरकार इसे व्यापारिक उपयोग के लिए प्रस्तावित कर रही है।

डॉक्टर बी.एल. स्वामी के खिलाफ रामनिवास कूकणा का आंदोलन : 
 

डॉक्टर बी.एल. स्वामी के खिलाफ रामनिवास कूकणा ने आंदोलन किया था, जिसमें उन्होंने स्वामी पर एक मरीज रामेश्वर लाल का गलत इलाज और पेसमेकर लगाने का आरोप लगाया था। इस आंदोलन में कूकणा को हिरासत में भी लिया गया। सूरतगढ़ के दर्जनों युवाओं ने बीकानेर पैदल कूच किया और रामनिवास कूकना की रिहाई की मांग की।

मेडिकल बोर्ड ने प्रथम दृष्टया डॉ. स्वामी को क्लीन चिट दे दी और पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की। आरोपियों ने सोशल मीडिया, न्यूज चैनलों और अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन के जरिए बयान दिए थे जिनमें कहा गया  कि डॉ. स्वामी ने सैकड़ों लोगों को मार दिया, अस्पताल में गोरखधंधा चल रहा है और बी.एल. स्वामी नरभक्षी है आदि-आदि।

बीकानेर में हनुमान बेनीवाल की सभा : 

बीकानेर में हनुमान बेनीवाल की सभा 29 अक्टूबर 2025 को आयोजित की गई थी, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सातवें स्थापना दिवस के अवसर पर शक्ति प्रदर्शन किया। इस सभा में लाखों लोग शामिल हुए, जिसमें बेनीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर सीधा हमला बोला और वर्तमान भजनलाल शर्मा सरकार पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि RLP राजस्थान में बीजेपी-कांग्रेस के 'आंतरिक गठबंधन' के खिलाफ तीसरा मजबूत विकल्प बनेगी।

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बेनीवाल ने अपने संबोधन में पेपर लीक, भर्ती घोटालों और अग्निवीर योजना का भी जिक्र किया और घोषणा की कि RLP इन मुद्दों पर बड़े आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि यह आखिरी लड़ाई' होगी – किसानों, युवाओं और गरीबों के हक के लिए।
 

भंवरसिंह भाटी का नहरी किसानों के लिए आंदोलन : 
 

भंवरसिंह भाटी ने नहरी किसानों के लिए आंदोलन किया था, जिसमें उन्होंने सरकार से मांग की थी कि किसानों की पिटी हुई पानी की बारियों का पूरा पानी समय रहते किसानों को मिलना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी थी कि किसानों को उनके हक़ का पानी नहीं मिला तो आने वाले दिनों में श्रीकोलायत के बज्जू क्षेत्र के नहरी किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने बीकानेर में सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हरिके बैराज का पोंड लेवल नीचा कर लगातार 25 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी पाकिस्तान जा रहा है, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। इस प्रदर्शन और आंदोलन की चेतावनी के बाद में किसानों को पूरा पानी मिला।

खेजड़ी बचाने आंदोलन, आगे भी चलेगा : 
 

बीकानेर में खेजड़ी के पेड़ों की कटाई के विरोध में कलेक्ट्रेट पर पड़ाव डाला गया। यह आंदोलन सोलर कंपनियों द्वारा खेजड़ी के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के खिलाफ है। संत समाज और बिश्नोई समाज के लोग इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। उनका कहना है कि खेजड़ी राज्य वृक्ष और कल्पवृक्ष है, इसकी कटाई पर्यावरण के लिए घातक है। 
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2 फरवरी 2026 को बीकानेर में महापड़ाव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश भर से संत और समाज के लोग शामिल होंगे। पेड़ सुरक्षा कानून की मांग को लेकर 2 फरवरी के महापड़ाव के संबंध में बिश्नोई धर्मशाला में समाज के संतों के सानिध्य में आचार्य स्वामी रामानंद महाराज की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। राजस्थान में अंधाधुंध हो रही पेड़ों की कटाई, प्रकृति विनाश, अरावली संरक्षण और पेड़ सुरक्षा कानून बनाने की मांग पर 6 घंटे तक गहन चिंतन मंथन किया गया। महंत स्वामी भगवानदास महाराज ने कहा कि 2 फरवरी 2026 सोमवार को कलेक्ट्रेट पर बीकानेर में महापड़ाव दिया जाएगा। महंत शिवदास रुड़कली,स्वामी कृपाचार्य,स्वामी राजू महाराज जोधपुर,स्वामी राधेशानंद अजमेर,स्वामी बालाचार्य, समाज के मुख्य वक्ताओं में परसराम जोधपुर, रामगोपाल बिश्नोई,सुभाष भांभू खारा,रिछपाल फौजी, विजयपाल डेलू,रामनिवास पुनिया, सहीराम पुनिया, ओ पी खीचड़, हनुमानराम बेनीबाल आदि मौजूद रहे।

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