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Bikaner: स्वतंत्रता सेनानियों और प्रेरक व्यक्तित्वों को किया गया सम्मानित

 

RNE Bikaner.

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सोशल प्रोग्रेसिव सोसाइटी द्वारा अस्मत अमीन सभागार अमरसिंहपुरा में प्रतिभा सम्मान समारोह एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। "स्वतंत्रता संग्राम और बीकानेर का साहित्य एवं पत्रकारिता", जिस पर नगेन्द्र किराडू ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में बीकानेर की साहित्यिक पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बीकानेर के साहित्यकारों, पत्रकारों ने अपनी लेखनी के माध्यम से ना केवल स्वतंत्रता संग्राम के विचारों को प्रसारित किया बल्कि लोगों में राष्ट्रीयता की भावनाओं को भी जगाया बीकानेर के साहित्यकारों और पत्रकारों ने लोगों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित किया । राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता के महत्व पर जोर दिया ।साहित्यिक पत्रकारिता ने कहानी ,कविता, निबंध और लेख जैसे विभिन्न विधाओं का प्रयोग करके स्वतंत्रता संग्राम के संदेश को प्रभावी ढंग से पहुंचाया। नरोत्तम दास स्वामी, शंभू दयाल सक्सेना, जानकी दास बगरहटा ,पुरुषोत्तम केवलिया ,अंबालाल माथुर ,पंडित विद्याधर शास्त्री, रघुवर दयाल गोयल आदि अनेक ऐसे साहित्यकार पत्रकार हुए जिन्होंने बीकानेर के स्वतंत्रता संग्राम में अपना अमूल्य योगदान दिया है ।कार्यक्रम के प्रारंभ में युवा साहित्यकार अरमान नदीम ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी और युवाओं के लिए सार्थक संदेश सम्प्रेषण कार्य को रेखांकित किया ।

विशिष्ट अतिथि बीकानेर के वरिष्ठ शायर और चिंतक गुलाम मोहिउद्दीन माहिर ने संबोधित करते हुए कहा कि देश की आजादी में शायरों कवियों ने जनजागरण का काम जान जोखिम में डालकर किया और इस कारण अनेकों को फांसी का फंदा चूमना पड़ा । माहिर ने देशभक्ति पूर्ण नज़्म सुनाकर कर उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया ।
मुख्य अतिथि ख्यातनाम साहित्यकार , राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के पूर्व संयोजक मधु आचार्य आशावादी ने बीकानेर के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि हमें स्वतंत्रता सेनानी दाऊलाल आचार्य का अहसानमंद रहना चाहिए जिनकी सूझबूझ और तत्परता के कारण बीकानेर पाकिस्तान का हिस्सा बनते बनते रह गया और आज हम आजाद भारत के गर्व के साथ अभिन्न अंग हैं । आशावादी ने सोशल प्रोग्रेसिव सोसाइटी को साधुवाद दिया कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित कर राष्ट्रीय कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है । कार्यक्रम संयोजक इमरोज़ नदीम ने बताया कि
शिक्षा , साहित्य , समाज और पत्रकारिता में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित कर युवाओं के आदर्श सामने लाने के विचार के तहत सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट गिरिराज मोहता, साहित्यकार ,पत्रकार संजय आचार्य वरुण, शायर, कवि इरशाद अज़ीज़,शिक्षाविद् श्रीमती पूनम चौधरी , युवा साहित्यकार संजय श्रीमाली , शायर मोहम्मद फारूक रज़ा को संस्था की और से अस्मत अमीन , तसनीम बानो, मधु आचार्य आशावादी, बुलाकी शर्मा, गुलाम मोहिउद्दीन माहिर द्वारा शॉल,सम्मान पत्र, साहित्य, श्रीफल, अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया ।
देश की प्रथम जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी जयपुर के संस्थापक उपाध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार बुलाकी शर्मा ने
 अपने अध्यक्षीय उद्बबोधन में नदीम अहमद नदीम, इमरोज नदीम,अरमान नदीम तथा उनके पूरे परिवार का आभार सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने व बीकानेरियत पंरपरा का निर्वाह करने बाबत किया,तथा स्वतंत्रता संग्राम की बीकानेर के सेनानियों की वो गाथा जो अनसुनी थी जन मानस तक पहुंचाने में पत्रकारिता व तत्कालिन साहित्य पत्र पत्रिका की भूमिका को अहम बताया 
 बुलाकी शर्मा ने निजी स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों के बलिदान का स्मरण करना और प्रेरक व्यक्तित्वों को सम्मानित करने की परम्परा की निरंतरता को बरकरार रखने का आव्हान करते हुए कहा कि हमें शहीदों को याद भी रखना है और उनके आदर्शों की पालना करते हुए पीढ़ी को संस्कारित करने का महती कार्य भी करना है ।
सोशल प्रोग्रेसिव सोसाइटी के कार्यक्रम संयोजक इमरोज़ नदीम ने बताया कि बीकानेर की गंगा जमुनी संस्कृति का परिचायक बने कार्यक्रम में सरदार दर्शन सिंह , बानवे वर्षीय शिक्षाविद और लेखक शिवनाम सिंह , ईसाई धर्म गुरु फादर सजु जी का भी मंच द्वारा शॉल साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया ।
प्रसिद्ध साहित्यकार संगीता सेठी ने शहीदों को याद किया और प्रेरणा लेने की अपील की ।
समारोह में अस्मत अमीन,अहमद हारून कादरी ,तसनीम बानो , नदीम अहमद नदीम, संगीता सेठी, अल्लाहदीन निर्बाण , अमीन अली, भूमिका पोपली, अनिल सुथार ,गोविंदराम गोदारा, शिवनाम सिंह, रंगकर्मी विजय शर्मा, प्यारेलाल, विजेंद्र सिंह, दर्शन सिंह, जी.एस. गहलोत, डॉ. मोहम्मद फारूक चौहान, फादर सजूजी, शकूर बीकाणवी, राजाराम स्वर्णकार, मोहम्मद शरीफ़ गौरी,मुकेश व्यास, सुषमा गहलोत, मकसूद हसन कादरी ,डॉ. आदित्य शर्मा, मनिंदर सिंह, अजय सहगल,विवेक सहगल, ऋषभ हर्ष, विमल व्यास, विक्रम आचार्य, अजय कुमार शर्मा, विप्लव व्यास, अब्दुल जब्बार कादरी, संगीता सेठी,अब्दुल रऊफ राठौड़ , शेर खान की गरिमामय सहभागिता रही ।
युवा साहित्यकार इमरोज़ नदीम ने आभार व्यक्त किया ।