BIKANER : श्राद्धपक्ष के आखिरी दिन तालाबों में तर्पण करने वालों की भीड़ उमड़ी, तर्पण के बाद हुआ हवन
RNE Bikaner.
सर्वपितृ अमावस्या के साथ ही रविवार को श्राद्धपक्ष के आखिरी दिन तर्पण करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। जो लोग पूरे पखवाड़े में एक दिन भी तर्पण नहीं कर पाए वे भी सभी पितरों को एक ही दिन तृप्त करने के लिहाज से तालाबों पर पहुंचे और विद्वान पंडितों के सान्निध्य में तर्पण कर पितरों की आत्मा के लिए शांति की प्रार्थना और परिवार सहित खुद के कल्याण की अरदास लगाई। खासतौर पर धरणीधर सरोवर में पंडित नवरतन व्यास और पंडित गोपाल ओझा के सान्निध्य में सैकड़ों लोग तर्पण करने उमड़े।
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यहां लगातार तर्पण करने के साथ ही आयोजन में सहयोग करने वाले उदय व्यास ने बताया कि दोनों मुख्य घाटों के साथ ही अन्य घाटों पर भी लोग पंडितो के सान्निध्य में तर्पण करने पहुंचे। पंडित नवरतन व्यास ने बताया कि इस दौरान ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सूर्य, दीप, पृथ्वी, जल, वरुण आदि देवताओं का पूजन किया गया। सनकादिक ऋषियों को जलांजलि दी गई। पितरों को जल अर्पण के साथ ही भीष्म पितामह के लिए खास तर्पण हुआ।
श्राद्धपक्ष का आखिरी दिन होने से यह क्रम थोड़ा लंबा चला और शहीदों, महापुरुषों, पूर्वजों के साथ दिवंगत रिश्तेदारों, मित्रों, परिचितों को भी जलांजलि दी गई। पंडित व्यास ने बताया कि तर्पण क्रम के बाद हर्षोलाव तालाब स्थित यज्ञशाला में हवन हुआ।
इसमें झंवर किराड़ू के मुख्य यजमानत्व के साथ बड़ी तादाद में श्रद्धालु शामिल हुए और आहुतियां दी। पार्षद किशोर आचार्य, पत्रकार हेमंत उज्वल, पत्रकार रमेश बिस्सा, व्यवसायी मनमोहन शर्मा, एडवोकेट गोपाल आचार्य, मांगीलाल, घनश्याम आचार्य, राम बोहरा, घनश्याम आचार्य, दुर्गादत्तजी व्यास, दुर्गाशंकर आचार्य, सत्यनारायण व्यास, श्याम व्यास, भवानीसिंह राठौड़ आदि शामिल रहे। पंडित गोपाल ओझा के साथ एक दल ने रामेश्वरानंद महादेव मंदिर ‘महानंदजी’ की यज्ञशाला मंे हवन किया। इससे पूर्व धरणीधर महादेव मंदिर में अभिषेक भी किया गया।