पीबीएम में गंदगी ! नजर नहीं आती क्या डॉक्टर साहब ?
वार्ड राउंड के समय ही दिखते है साफ सुथरे
शौचालय की गंदगी तो, बाप रे बाप!
कोई झांकता क्यों नहीं इस गंदगी की तरफ
कॉलेज, पीबीएम प्रशासन की आंखें मूंदी हुई क्यों रहती है
रितेश जोशी
RNE Special.
छोटे या बड़े किसी भी डॉक्टर से कभी भी पूछो या कुछ बोलने के लिए उनको बुलाओ, वे सबसे पहले साफ सफाई की बात करते है। गंदगी से होने वाले रोगों के बारे में बताते है। मगर जिस सरकारी अस्पताल में वे काम करते है और जहां सैकड़ो मरीज इलाज के लिए आते है, उस परिसर की तरफ झांक के भी नहीं देखते है।
संभाग के इस बड़े अस्पताल में नामवर चिकित्सक है। अत्याधुनिक सुविधाएं है। महंगा इलाज नहीं है। भामाशाहों का बड़ा सहयोग है। मगर प्रशासनिक ढिलाई के चलते कुछ समस्याएं भी है जो गौरवमयी पीबीएम पर एक गंदा धब्बा है।
सबसे ज्यादा गंदा है परिसर:
पीबीएम का परिसर लंबा चौड़ा है, आकर्षक। मगर उसमें जगह जगह गंदगी का अंबार है। हार्ट हॉस्पिटल के सामने हो या जियरेटिक के भीतर का परिसर, बच्चा हॉस्पिटल का परिसर हो या जनाना हॉस्पिटल का, हर परिसर में खुले में गंदगी नजर आती है। यहां तक कि नए बने आई हॉस्पिटल हो या सुपर स्पेशियलिटी, परिसर ही इतने गंदे है कि थूकने का मन भी नहीं करता। लगता है, पीबीएम व मेडिकल कॉलेज का प्रशासन आंखें मूंदकर परिसर में से निकलता है।
राउंड के समय ही वार्ड साफ:
जब बड़े डॉक्टर का वॉर्ड में राउंड होता है, तभी वार्ड में सफाई होती है। बाकी समय तो वॉर्ड गंदा ही रहता है। मरीज के परिजन ही बेचारे अपने आसपास सफाई करते है। ऐसा लगता है डॉक्टर वार्ड की तरफ नजर ही नहीं डालते। अफसोस की बात है ये तो।
शौचालय ! बाप रे बाप!!
सजीव चित्रण :: वो शायर दिन में हॉस्पिटल में आया हुआ था। एक कवि बीमार था तो उसकी तबीयत पूछने। अचानक पेशाब करने की जरूरत महसूस हुई। शौचालय की तरफ गया और आधे मिनट में ही दौड़ते हुए वापस आया। चेहरे की हवा उड़ी हुई।
-- चलता हूं।
-- कहां। अभी तो आये थे। अभी निकल रहे हो।
-- पेशाब करना है। यहां शौचालय देखा तो ये जगह छोड़ने में ही भलाई है, ये समझ आया---
ये क्या करते हो, बीमार करते हो
इलाज करना दूर बीमार करते हो
यह कहकर वो शायर तो भाग लिया।
पीबीएम के वार्डों के लिए बने शौचालयों की दुर्गति को इस एक शेर से समझा जा सकता है। हे मेडिकल कॉलेज के प्रशासकों, पीबीएम के प्रशासकों, कुछ तो रहम करो। गंदे परिसर व शौचालयों से बीमारी तो मत बांटो। बीकानेर की जनता पर रहम करो।
मेडिकल कॉलेज, पीबीएम प्रशासन बताओ, इनाम पाओ
पीबीएम परिसर की गंदगी, शौचालयों की दुर्गति देखकर तो लगता है कि मेडिकल कॉलेज व पीबीएम का प्रशासन गुमशुदा है। उसे ढूंढना होगा, ढूंढकर लाने वालों को इनाम देना होगा। इनको ढूंढने का काम सांसद व केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम जी मेघवाल, विधायक व राज्य में मंत्री सुमित गौदारा, शहर विधायक जेठानन्द व्यास व बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी ही कर सकते है। हे माननीयों, जनता को उबारो। इनको ढूंढो। ये जनता की गुहार है।