Movie prime

Terapanth News : दीपावली पर 03 दिन का अखंड जाप, एकाशन उपवास

 

RNE Bikaner.
 

उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार जी स्वामी के सान्निध्य में दीपावली उत्सव पर तृदिवसीय तप जप का विशेष आयोजन किया गया। मुनि श्री ने फरमाया कि भगवान महावीर ने साधुओं और श्रावकों के जो महाव्रत और अणुव्रत नियम बताये हैं उनमें पहला नियम अहिंसा है साधु के लिए अहिंसा महाव्रत और श्रावक के लिए अहिंसा अणुव्रत है। हमें दीपावली के अवसर पर पटाखों से पूर्ण परहेज करना है इससे अर्थ - स्वास्थ्य और समय की बरबादी होती है। पटाखों से आग का भय बना रहता है प्रदूषण बढ़ता है जिससे स्वास्थ्य पर गलत असर होता है। मुनिश्री की पावन प्रेरणा से तीन दिन का अखंड जाप रखा गया है तथा भाई बहनों ने एकाशन उपवास के तेलों का भी क्रम बनाया है। 

ad

आज शासनश्री मुनिश्री मणिलालजी स्वामी की स्मृति सभा का भी आयोजन किया गया। मुनिश्री कमलकुमारजी स्वामी ने अपने विचार प्रकट करते हुए फरमाया कि शासनश्री मुनिश्री मणिलालजी स्वामी वर्तमान में तेरापंथ समाज में दीक्षा पर्याय में सबसे बड़े थे उन्होंने गुरुदेव श्री तुलसी से दीक्षा ग्रहण की और सेवाभावी भाईजी महाराज मुनि श्री चम्पालालजी स्वामी की अंतिम समय तक छाया बनकर तथा सागरमलजी स्वामी श्रमण की भी अंतिम समय तक सेवा की आचार्य श्री महाश्रमण जी ने उन्हें शासनश्री संबोधन से अलंकृत किया। उनकी अंतिम सेवा का अवसर युवासंत अतुलकुमार जी को मिला।

123

मुनि श्रेयांस कुमार जी ने उनकी विशेषताओं का उल्लेख करते हुए नव निर्मित दोहों का संगान किया मुनि विमल बिहारी जी ने भी उनके साथ प्रवास के संस्मरण सुनाये। मुनिश्री कमलकुमार जी ने दोहों का संगान करते हुए परिषद्् में चार लोगस्स का सामूहिक ध्यान करवाकर उनके उत्तरोत्तर विकास की मंगलकामना की। भाई बहनों ने एकाशन उपवास बेले तेलों का प्रत्याख्यान किया। 

सुश्राविका उपासिका ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका कनकदेवी गोलछा ने 28 दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। गंगाशहर में प्रथम बार युवक परिषद् के तत्वाधान में दीपावली के अवसर पर बहीखातों का पूजन जैन संस्कार विधि से तेरापंथ भवन में एक साथ किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय पदाधिकारी अंकुर लूणिया का समय पर आना और पावन पाथेय प्रदान करना युवक परिषद् के उत्साहवर्धन का निमित्त बना।

FROM AROUND THE WEB