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Diwali Date Controversy Bikaner : पं. नथमलजी, राजेन्द्र किराड़ू, पुजारी बाबा, ममू महाराज की मौजूदगी में विद्वान बोले दीपावली 20 को

कई पंडितों-ज्योतिषियों का मत- 21 अक्टूबर को दीपावली पूजन हो
 

RNE Bikaner.
 

दीपावली पूजन के दिन और मुहूर्त को लेकर उठे विवाद में बीकानेर के विद्वान, पंडित, ज्योतिषी आमने-सामने हो गए हैं। एक पक्ष ने जहां 21 अक्टूबर को दीपावली पूजन करने की बात कही हैं वहीं बीकानेर के कई बड़े विद्वान गुरुवार को मीडिया के सामने एक साथ आए। पंडित नथमलजी पुरोहित, पुजारी बाबा, पंडित राजेन्द्र किराड़ू, ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र व्यास "ममू महाराज" आदि की मौजूदगी में इस विषय पर लंबी चर्चा चली। यहां मौजूद अधिकांश विद्वानों ने दीपावली पूजन 20 अक्टूबर को करने की ही बात कही।

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तर्क ये है :
 

किराडुओं की बगीची में जुटे कई विद्वानों का तर्क था कि दीपावली की पूजा उस रात्रि को करने का विधान है जिसमें अमावस्या हो। वयोवृद्ध पंडित नथमल पुरोहित ने कहा, लोकाचार में भी लक्ष्मी पूजन अमावस्या की रात को करना बताया गया है। अमावस्या तिथि 21 अक्टूबर शाम के बाद नहीं रहेगी। ऐसे में  20 अक्टूबर को अमावस्या की रात्रि में पूजन करना ठीक होगा।
 

विद्वानों ये कहा,  गोधूलि वेला में पूजन करें तब भी प्रदोषकालिनी अमावस्या हो। प्रदोष काल का मतलब सूर्यास्त होने से पहले और सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक यानी शाम को लगभग दो घंटे तक तो अमावस्या रहनी ही चाहिए। इस लिहाज स भी देखा जाएं तो 21 को प्रदोषकाल में भी अधिक देर तक अमावस्या नहीं है। ऐसे में 21 की बजाय 20 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन होना चाहिए। पंडितों की इस सभा में कई विद्वानों ने विचार रखे। 
गौरतलब है कि इससे पहले पंडितों के एक दल ने दो दिन पहले ही मीडिया के सामने दीपावली पूजन पर चर्चा की थी। पंडित महेंद्र व्यास सहित अन्य विद्वानों ने 21 अक्टूबर को दीपावली पूजन करना श्रेष्ठ बताया था। पंडित अविनाश व्यास, पंडित जितेंद्र आचार्य सहित कई विद्वान इस मत के पक्ष में हैं। इन विद्वानों ने गोधूलि वेला को श्रेष्ठ पूजन का समय बताया है। कहा है कि गोधूलि वेला के समय अमावस्या है। प्रदोषकाल में भी अमावस्या है। धर्मसिंधु, निर्णयसिंधु के संदर्भ भी इन पंडितों ने दिये। कई पंचांग के जिक्र किए गए। रत्ताणी व्यास पंचायती बगीची में हुए इस विमर्श और घोषणा के बाद आज किराड़ू बगीची में मंथन हुआ और दूसरे पक्ष ने 20 अक्टूबर को श्रेष्ठ बताया।

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लक्ष्मीनाथजी मंदिर में 20 को दीपावली :
 

इस बीच लक्ष्मीनाथ मंदिर के सूचना पत्ता पर दीपावली पूजन 20 अक्टूबर को होने की सूचना लिखी गई। शहर के बड़े हिस्से में लोग इस नगरसेठ मंदिर को हो फॉलो करते हैं। इन सबके बावजूद लगातार दूसरे साल दीपावली के दिन और मुहूर्त को लेकर पंडितों में हुए मतभेद ने आम लोगों को असमंजस में ला दिया है।

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