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Adulterated food in Bikaner : घरों में फ्राई किए जाने वाले खीचिए-फिंगर (चिप्स) भी सेफ नहीं!

 

RNE Bikaner.
 

अच्छा खाने-खिलाने के शौकीनों का शहर माना जाता है बीकानेर। यही वजह है कि बीकानेर के मिठाई-नमकीन के ब्रांड देश-दुनिया में मशहूर हो रहे हैं। दूसरी ओर इसी शहर में अब खाना खराब हो चुका है। ऐसा कहने की वजह है लगातार सामने आ रहे मामले। स्वास्थ्य विभाग दीपावली पर जहां-जहां भी जांच करने पहुँच रहा है वहाँ खाने के सामान में कुछ न कुछ गड़बड़ मिल रही है। सबसे ज्यादा खराब मिल रहा है मावा जो 80 प्रतिशत से ज्यादा मिठाइयों में यूज किया जाता है। इतना ही नहीं घरों में फ्राई करके स्नैक्स के तौर पर खाये जाने वाले खीचिए, फिंगर चिप्स आदि भी मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं।

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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पुखराज साध ने बताया कि शुक्रवार को जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने मैसर्स एस एंटरप्राइजेज, करनी इंडस्ट्रीयल एरिया में निरीक्षण एवं नमूनीकरण की कारवाई की। फैक्ट्री के निरीक्षण के दौरान सादा एवं रंगीन बनाए हुए खीचिए प्लास्टिक के कट्टों में रखे थे। मौके पर 4 नमूने लिए गए तथा 120 कट्टों में रखे 3 हजार किलोग्राम खीचिए सीज किए गए। खाद्य कारोबारकर्ता को खींचियों में 100 पीपीएम से अधिक कलर इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश दिए गए। साथ ही इंप्रूवमेंट नोटिस जारी किया गया और साफ-सफाई रखने का निर्देश दिया गया।

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डॉ. साध ने बताया कि गुरुवार को फलोदी से आई मावे की पिकअप वाली कार्रवाई को आगे बढ़ते हुए कुल 7 नमूने लिए गए तथा शेष 1330 किलोग्राम मावे के मालिक के नहीं आने तथा गुणवत्ता में कमी के मध्यानजर मावे को आबादी से दूर जनहित में नष्ट करवाया गया। लिए गए नमूनों को जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला भिजवाया जाएगा। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उक्त कार्यवाही में खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रवण कुमार वर्मा, भानू प्रताप सिंह, सुरेन्द्र कुमार तथा राकेश गोदारा शामिल थे।

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