Primate Skull Bikaner : फ्रांसीसी दंपती नागालैंड से जानवर की खोपड़ी लाए, बीकानेर एयरपोर्ट पर पकड़े गये, किसकी है ये खोपड़ी!
RNE Bikaner.
बीकानेर के नाल एयरपोर्ट पर एक हैरान करने वाला वाकया सामने आया है। यहां एक फ्रांसीसी दंपती के पास जानवर की बड़े सींगों वाली खोपड़ी बरामद हुई है। दंपती को हिरासत में लिया गया है। इसके साथ ही प्राथमिक जांच में जो जानकारी सामने आई है वह हैरान करने वाली है। अगर इस प्राथमिक रिपोर्ट की फॉरेंसिक जांच में पुष्टि होती है तो यह पशु तस्करी ही नहीं वरन विलुप्त प्रजाति के जानवर से जुड़ा मसला भी हो सकता है।

पहले जानिये मामला क्या है:
दरअसल बीकानेर के नाल सिविल एयरपोर्ट पर एक फ्रांसीसी दंपती की सामान्य जांच के दौरान एक असामान्य पार्सल पाया गया। इसे खोलकर देखा तो बड़े सींगों वाला जानवर का चेहरा नजर आया। सामान्यतया इसे वुडन आर्ट मान लिया जाता है लेकिन अधिकारियों को संदेह हुआ तो पुलिस तक मामला पहुंचा। वन विभाग की टीम को बुलाया गया। दंपती को हिरासत में लेकर इस खोपड़ी को जांच के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ वेटेरनरी साइंस (राजूवास) भेजा गया।
खोपड़ी के एक्स-रे में मिले ये संकेत:
हालंाकि बीकानेर के राजूवास मंे फॉरेंसिक जांच के संसाधन नहीं है इसके बावजूद यहां खोपड़ी का एक्स-रे आर कुछ सामान्य जांचें की गई जांच करने वाले डा.प्रवीण बिश्नोई ने इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट वन विभाग या पुलिस को दे दी। जानकारी मिली है कि एक्स-रे के आधार पर जो रिपोर्ट सामने अइ है उसके मुताबिक यह खोपड़ी प्राइमेट प्रजाति के जानवर की है।

क्या है प्राइमेट प्रजाति:
ऐसे मंे प्राइमेट प्रजाति के जानवर की खोपड़ी होने का अनुमान आने के साथ ही बीकानेर से दिल्ली तक वन विभाग से लेकर दूतावास तक अलर्ट हो गये हैं। फ्रांसीसी दूतावास को भी इसकी खबर दी गई है। यहां यह जान लेना जरूरी होगा कि प्राइमेट प्रजाति बंदरों से लेकर मानव तक की श्रृंखला को माना जाता है। ऐसे मंे यह खोपड़ी, बंदर, चिंपाजी, गौरिल्ला में से किसी की हो सकती है।
खोपड़ी चिंपाजी या गौरिल्ला की है तो कहां से आई!
प्राइमेट प्रजाति में अगर यह खोपड़ी बंदर की निकलती है तो सवाल यह उठता है कि बंदर की खोपड़ी मिलना काफी आसान है क्योंकि ये अब भी देश-दुनिया के हर हिस्से मंे बहुतायत से मिलते हैं। बंदर के अलावा किसी जानवर की खोपड़ी है तो यह हैरान करने वाली बात हो सकती है। इसकी वजह यह है कि इस प्रजाति में बंदर के बाद चिंपाजी, गौरिंल्ला, मानव आदि की कड़ी आती है।
नागालैंड से खोपड़ी लाना बता रहे सैलानी:
दूसरी ओर पकड़े गये सैलानियों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया है कि उन्होंने नागालैंड मं एक प्रदर्शनी के दौरान यह आर्टिकल खरीदा है। पुलिस, वन विभाग की टीम इस बारे में जांच कर रही है। इस बीच पकड़े गये ढांचे को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जा रहा है। यहां एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जो आकृति बरामद हुई है उसमें खोपड़ी हड्डियों की है लेकिन उस पर लगे सींग लकड़ी के बताए जा रहे हैं। ऐसे में जानवर की खोपड़ी की आकृति को बदले, छिपाने का प्रयास भी हो सकता है।
अलबत्ता फिलहाल पकड़े गये दंपती की जमानत हो गई है और वाइल्ड लाइफ एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस बीच वन्यपेमियों ने इस मसले पर आक्रोश जताया है। वन्यजीव प्रेमी मोखराम धारणिया के साथ कई लोगों ने बीकानेर के सदर थाने पर प्रदर्शन भी किया।

