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किताबों से दोस्ती जरूरी: बिजारणियां की बाल कविता संग्रह का हुआ लोकार्पण

 

RNE Bikaner. 

साहित्य अकादेमी, दिल्ली के युवा पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार राजूराम बिजारणियां के नए बाल कविता संग्रह 'हींडै चढ तारां घर पूगूं' का लोकार्पण लूणकरणसर स्थित तेजा भवन में सम्पन्न हुआ। इस दौरान उपस्थित पूर्व मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल ने कहा कि हमें आधुनिकता के इस दौर में अपनी संस्कृति और लोक परम्पराओं को बचाने की अत्यंत आवश्यकता है और एक रचनाधर्मी इस कार्य को बखूबी कर सकता है। 

उपखंड अधिकारी दयानंद रुयल ने शब्दों की साधना को कठिन कार्य बताते हुए बिजारणियां के लेखन पर प्रकाश डाला। एडीशनल एसपी नंदराम भादू ने बिजारणियां के लेखन को लूणकरणसर के लिए प्रेरणादायक बताया। वहीं पुलिस वृत्ताधिकारी नरेंद्र पूनियां ने मोबाइल के इस दौर में बच्चों को किताबों की ओर ले जाने की बात कही। वहीं डॉ.राजेंद्र मूंड ने कहा कि बच्चों के लिए किताबों से दोस्ती बहुत जरूरी है, बिजारणियां ने बच्चों के बारे में सोचा और लिखा यह महत्त्वपूर्ण कार्य है। पर्यावरणविद श्यामसुंदर ज्याणी ने इस मौके पर बिजारणियां के नए संग्रह को बच्चों के लिए बेहद जरूरी बताते हुए बच्चों तक इस पुस्तक की सहज सुलभता के लिए चर्चा की।
लेखक राजूराम बिजारणियां ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि बाल लेखन आसान काम नहीं है, बच्चों के लिए बच्चा बनकर ही सहज, सरल और सरस रचाव किया जा सकता है। इस अवसर पर उपस्थित शिक्षाविद् मोटाराम चौधरी ने दादी-नानी के दौर को याद करते हुए किताबों की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उपस्थित किशनलाल गोदारा, पुरखाराम बिजारणियां, भागीरथ बिजारणियां, क्रयविक्रय सहकारी समिति चैयरमैन मूलाराम कलकल, मामराज सारण, सरपंच एसोसिएशन जिलाध्यक्ष राजाराम झोरड़, सेवानिवृत्त जज दयाराम गोदारा, सेवानिवृत्त तहसीलदार चंद्राराम आर्य, पूर्व प्रधान गोविंद राम गोदारा ने मातृभाषा राजस्थानी में इस प्रकार की किताब का आना बेहद सुखद मानते हुए समय-समय पर इस प्रकार के रचनाकर्म की आवश्यकता जताई। बिजारणियां ने सभी उपस्थितजनों को 'हींडै चढ तारां घर पूगूं' पुस्तक की प्रति भेंट की।