B.K.Shivani Didi ’’नया संकल्प,नया जीवन’’ पर बोली : सकारात्मक सोच रखे, आत्म स्वरूप को पहचाने
RNE Bikaner.
विश्व विख्यात मोटिवेशन स्पीकर एवं राजयोग शिक्षिका बी.के. शिवानी दीदी ने कहा कि भारत को स्वर्णिम भारत व विश्व आध्यात्म गुरु के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए सकारात्मक सोच व संकल्प को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। नकारात्मक परिस्थिति, सोच व गतिविधियों को मन पर हावी नहीं होने दे। सकारात्मक व नकारात्मक सोच का प्रभाव मानव के तन, मन, वातावरण व प्रकृति पर पड़ता है। छोटे छोटे संकल्पों से हम अपने जीवन को खुशहाल बना सकते है।
बी.के.शिवानी रविवार को बीकानेर में जयपुर’-जोधपुर बाईपास पर स्थित श्री गणेशम रिसोर्ट में ’’नया संकल्प,नया जीवन’’ विषय पर विशेष व्याख्यान दे रहीं थी। उनको व्याख्यान सुनने के लिए राजस्थान के विभिन्न प्रांतों के साथ देश के अनेक हिस्सों से करीब छह हजार से अधिक श्रद्धालु विभिन्न वाहनों व बसों से बीकानेर पहुंचे थे। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को राजयोग ध्यान का अभ्यास करवाया तथा कलयुग के इस दौर को सतयुग में परिवर्तित करने के अनेक छोटे-छोटे संकल्प दिलवाएं।

2026 के स्वागत में हाथ उठाकर बनाई मुद्राएं :
उन्होंने श्रोताओं से अपने साथ बोलाकर व हाथों की विभिन्न मुद्राओं के माध्यम से नये वर्ष 2026 में नए संकल्पों के साथ नया जीवन बनाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा क शरीर को चलाने वाली शुद्ध, चेतन,चमकते हुए सितारे की तरह शक्तिशाली आत्मा है जो आंखों से दिखाई नहीं । आत्मा का स्वरूप प्रेम, संस्कार शांति का है। हमें अपने आपको तथा अपने आत्म व परमात्म स्वरूप को पहचानना है।
समस्याएं आएंगी, समाधान ये हैं :
बी.के.शिवानी ने कहा कि कलयुग में समस्याएं आएगी, लेकिन समस्याओं व विपरीत परिस्थिति को मन मस्तिक पर हावी नहीं होने दे। समस्या के मन पर हावी करने से उसका प्रभाव शरीर पर पड़ता है तथा वह रुग्ण हो जाता है। अनेक दवाइयों के बावजूद समस्या के मन में घर करने से बीमारी ठीक नहीं होती है। बीमारी को ठीक करने के लिए मन में शुभ संकल्प दोहराना होगा। उन्होने कहा कि क्रोध की अग्नि व्यक्ति के अंतर को जलाती है। क्रोध आने पर अपनी भाषा व सोच को बदलना है । सोच ही सही स्वास्थ्य बनाता है। सोच से ही तन मन स्वस्थ रहता है।
रात को भोजन, सुबह-शाम मोबाइल त्यागो :
बी.के शिवानी ने रात्रि भोजन का त्याग करने व सोने से पहले व सुबह उठने से पहले एक घंटें मोबाइल का त्याग करने, सोने से पूर्व सकारात्मक चिंतन करने, क्षमा देने के संकल्प को मजबूत करने, दिन भर की गतिविधियों का निरीक्षण परीक्षण करने तथा जाने अन्जाने में हुई क्रोध आदि गलतियों को दूबारा नहीं होने का संकल्प लेना चाहिए। परमात्मा का ध्यान करते हुए योग न्रिदा का अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक वैज्ञानिकों व चिकित्सकों ने साबित किया है कि अनेक मानसिक बीमारियां मोबाइल से हो रही है। मोबाइल का उपयोग करना चाहिए दुरुपयोग नहीं।
30 सालों में आए इन बदलावों का असर जानें :
बी.के.शिवानी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पिछले 30 वर्षों में आए बदलाव ने लोगों भौतिकता की दौड़ के चकाचौध की ओर दौड़ने, देवी-देवताओं, ऋषि मुनियों के वंशज मनुष्यों ने धर्म, आध्यात्म व ध्यान आदि सकारात्मक सोच व विचार को बढ़ावा देने वाले विचारों से दूर हो रहे है। सोच व संकल्प से ही सृष्टि बदलती है। हमें अपने सोच व दृष्टि को तथा संकल्पों को सकारात्मक रखना है। अपने आप को शक्तिशाली बनने का प्रयास करना है। दूसरों को देने व सेवा की भावना रखनी है। स्वयं खुश रहने तथा दूसरों को प्रसन्न रखने का, शक्ति स्तम्भ बन कर घर, परिवार व समाज में स्वर्ग बनाना है।
मंत्री मेघवाल सहित ये रहे मौजूद :
केन्द्रीय विधि एवं कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, खाजूवाला विधायक डॉ.विश्वनाथ मेघवाल, पूर्व महापौर सुशीला राजपुरोहित, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका, संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा, उद्योगपति सुभाष मित्तल, महाराजा गंगासिंह विश्व विद्यालय के कुलगुरु मनोज दीक्षित, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्र वर्मा, राज्य वित आयोग के सदस्य नरेश कुमार ठकराल सहित अनेक जन प्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने दीप प्रज्वलन किया।
ये बोले मंत्री मेघवाल :
केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि स्वर्णिम व आध्यात्मिक गुरु के रूप में भारत को प्रतिष्ठित करने के लिए आध्यात्मिक चेतना व ध्यान तथा व्यक्ति के विचारों में सकारात्मक सोच आवश्यक है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की क्षेत्रीय केन्द्र प्रभारी बी.के.कमल ने बी.के.शिवानी सहित अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय विश्व की महिलाओं द्वारा संचालित विश्व की सबसे बड़ी संस्था है। संस्था का उद्धेश्य लोगों के राजयोग ध्यान के माध्यम से आध्यात्मिक चेतना जगाना, सकारात्मक सोच, आत्म व परमात्म स्वरूप की सही पहचान करना है।
इस अवसर पर डॉ.शक्ति राजभाई ने भी ध्यान करवाया तथा राजयोग के महत्व को बताया। बीकानेर के सुप्रसिद्ध गायक बीकानेर मूल के मंुबई प्रवासी हरीश मोयल के आत्म-परमात्म चिंतन के गीतों तथा सुश्री तन्वी गहलोत ने स्वागत गीत के साथ नृत्य प्रस्तुत किया। बी.के.शिवानी व बी.के. कमल ने अतिथियों को शुभ संकल्प की सौगात दी।
रविन्द्र रंगमंच पर तीन दिवसीय विशेष व्याख्यान आज से :
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र सार्दुल गंज के तत्वावधान में सोमवार से 17 दिसम्बर तक शाम छह बजे से सात बजे तक अन्तरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता, लाइफ कोच एवं मोटीवेशनल स्पीकर डॉ.बी.के.शक्ति राज भाई का ’’ मेडिटेशन फॉर पॉवरफुल माईंड एवं हैप्पी लाइफ विषय पर विशेष व्याख्यान होगा। इसमें शामिल होने के लिए किसी प्रवेश पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।

