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Kirodi Lal Meena हाइवे से गाड़ियों का पीछा करते नापासर के गोदाम में पहुंचे, करोड़ों का अवैध कारोबार देख हैरान

Minister Kirori Meena Conducts Another Explosive Raid
हाइवे पर पिकअप से ट्रकों में भरा जा रहा था डीजल, मंत्री किरोड़ी मीणा गाड़ी वाले से पूछा तो पता चला नापासर से ला रहे डीजल
तेल भरने वाली गाड़ी के पीछे-पीछे पहुंचे नापासर के गोदाम, हजारों लीडर डीजल देख हैरान
गुजरात से पंजाब के लिए कटती है बिल्टी, बीकानेर के नापासर में स्टोर होता है ‘फैक्ट्री ऑयल’
गोदाम मालिक बोला-फैक्ट्रियों मंे होता है सप्लाई, बीकानेर में ऐसे और भी कारोबारी
 

RNE Bikaner.
 

अपनी छापेमार कार्रवाई के लिए देशभर में विख्यात हो चुके राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डा.किरोड़ीलाल मीणा ने बुधवार को आधी रात के बाद तक बीकानेर में एक ऐसे गोदाम पर छापा मारा जहां करोड़ों अवैध डीजल कारोबार हो रहा था। अचानक यहां पहुंचे किरोड़ीलाल मीणा के आने की सूचना प्रशासन को भी नहीं थी। खुद मीणा ने संभागीय आयुक्त को फोन कर अधिकारियों की एक टीम मौके पर बुलाई।

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बायोडीजल के नाम पर हो रहा यह कारोबार:
 

मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने यह छापामार कार्रवाई बीकानेर के नापासर में की है। यहां देर रात एक गोदाम में पहुंचकर लगभग 01.50 लाख लीटर इंडस्ट्रीयल ऑयल पकड़ा है। इसे बायोडीजल के नाम पर बेचा जा रहा था। यहां पहुंचकर पड़ताल की तब पता चला कि यह डीजल गुजरात के सूरत, अहमदाबाद आदि शहरों से आ रहा है। वहां से पंजाब के लिए बिल्टी कटती है। यह माल पंजाब पहुंचने की बजाय बीकानेर के नापासर में खाली होता है। यहां बायोडीजल के नाम पर ट्रकों-गाड़ियों में बाजार से सस्ते दाम पर भरा जाता है। इसके लिए बाकायदा डीजल भरने वाली पिकअप गाड़ियां हाइवे और भारतमाला के आस-पास घूमती रहती है।

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हाइवे पर गाड़ी देख मंत्री ने पूछताछ की और खुल गया राज:
 

अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक मंत्री किरोड़ीलाल मीणा की यह छापामार कार्रवाई पूर्व निर्धारित नहीं थी। वे जोधपुर से बीकानेर के रास्ते हाईवे से गुजर रहे थे। इस बीच रास्ते में एक पिकअप गाड़ी से ट्रक में डीजल भरा जा रहा था। थोड़ी दूर आगे चलने पर फिर ऐसा ही दिखा। तीसरी बार ऐसा देखते ही मीणा को दाल में कुछ काला लगा। उन्होंने डीजल भरने वाले से पूछताछ की तो पता चला कि बायोडीजल है और बाजार से सस्ते रेट पर बेचते हैं। नापासर में गोदाम है वहां से लाते हैं। गाड़ी खाली कर वापस दूसरी भर लाते हैं।

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कमिश्नर को फोन किया, मीडिया को बुलाया, गाड़ी के पीछे चल पड़े:
 

मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को लगा कि यह अवैध कारोबार हो रहा है। उन्होंने पिकअप चालक को गोदाम चलने के लिए कहा। संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा को फोन पर अधिकारियों को भेजने के लिए कहा। कुछ मीडियाकर्मियों को मैसेज किये और पिकअप के साथ-साथ नापासर गोदाम पहुुंचे तो हालात देख हैरान रह गये। यहां बड़े-बड़े टैंक कथित बायोडीजल से भरे थे।
 

1.5 लाख लीटर ऑयल, 15 लाख कैश, करोड़ों का कारोबार:
 

नापासर स्थित कथित बायोडीजल के गोदाम में हालात देख मंत्री मीणा के साथ ही अधिकारी भी हैरान रह गये। यहां बड़ी-बड़ी टंकियों में कथित बायोडीजल भरा था। मोटे अनुमान के मुताबिक इसकी मात्रा 1.5 लाख लीटर थी। इसी परिसर में गोदाम मालिक के रहने की जगह और ऑफिस है। एक पलंग और दराज में से लगभग 15 लाख रुपए कैश मिले। इसके साथ ही दस्तावेज मिले जिनमें धर्मकांटा से हुई तुलाई की पर्चियां आदि शामिल है। इन दस्तावेजों के आधार पर जो कहानी सामने आई वह भी काफी हैरान करने वाली है।

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गुजरात से पंजाब के कागजात, बिकता नापासर में:
 

मौके पर मिली कांटा पर्ची सहित अन्य दस्तावेजों से पता चला कि यह इंडस्ट्रीयल ऑयल या बायोडीजल गुजरात के अहमदाबाद, सूरत आदि शहरों से पंजाब के लुधियाना सहित अन्य शहरों के लिए रवाना होता है। बीकानेर जिले के नापासर में इसके टैंकर खाली हो रहे हैं। एक टैंकर ऐसा भी मिला जिसमें तेल भरा था। बताया गया कि यह दिल्ली जाने वाला है। ऐसे में बीकानेर के नापासर में कैसे खड़ा है! यह सवाल पूछने पर गोदाम संचालक स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया।
 

45 रुपए में गुजरात से आता, 70 में पिकअप वालों को देते, वे 75 में बेचते:
 

कथित बायोडीजल के काले कारोबार से करोड़ों की कमाई होने का अनुमान है। प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि यह ऑयल गुजरात से लगभग 45 रुपए लीटर में खरीदा जाता है। इसे पिकअप वालों को 70 रुपए लीटर के हिसाब से बेचते हैं। हाइवे पर जाकर पिकअप वाले यह ऑयल 75 रुपए लीटर में ट्रक वालों को देते हैं। माना जा रहा है कि हर दिन 40 से 50 लाख रुपए के बीच कारोबार होता है। ऐसे में मासिक मुनाफा करोड़ों में हो सकता है।

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भुजिया फैक्ट्रियों में जाता है!
 

मौके पर मौजूद गोदाम संचालक केशव विजय से मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने काफी पूछताछ की। इसमें सामने आया कि यह कैमिकल बीकानेर की भुजिया फैक्ट्रियों में सप्लाई होता है। ऐसे ही कई गोदाम बीकानेर में चलते हैं जो यह कैमिकल फैक्ट्रियों को सप्लाई करते हैं।
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क्या पुलिस को भी जाती है बंधी!
 

पिकअप के पीछे से लेकर गोदाम में पड़ताल तक पूरे एपिसोड में पुलिस की भूमिका का भी एक संकेत मिला है। बातों-बातों में सामने आया है कि पुलिस को इस कारोबार में मासिक बंधी जाती है। नापासर पुलिस थाने को कितनी रकम जाती है इसका खुलासा भी पूछताछ में हुआ है।

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