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अनूठी सृजनशीलता : कवि आचार्य ने शब्द कहे, चित्रकार धर्मा ने इनका भाव समझ रंग-आकार दे दिया

 

RNE Bikaner.
 

बीकानेर में सृजनशीलता के एक अनूठा दृश्य देखने को मिला। यहाँ एक कवि ने कविता सुनाई। पास ही तूलिका लिए बैठे चित्रकार ने इन शब्दों का भाव समझते रहे। हर भाव और संवेदना को एक रंग के साथ आकार देते गए है। इधर कविता गूँजती रही, उधर कूंची चलती रही। कविता का पाठ पूरा हुआ तब तक वह कैनवास पर एक चित्र का रूप ले चुकी थी।

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दरअसल और चित्रकला का यह अद्भुत मेल शुक्रवार को देखने को मिला। शब्द मय रंग संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कवि और जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. हरिशंकर आचार्य की कविता 'बीज' पर चित्रकार धर्मा स्वामी ने पीकासो की घनवाद शैली में चित्र संयोजन किया। डॉ. आचार्य ने कहा कि यह दुष्कर प्रयोग है। जिसका बेहतरीन संयोजन धर्मा ने किया है। 

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युवा चित्रकार राम कुमार भादाणी ने बताया कि इन चित्रों में कविता की गहराइयों को प्रदर्शित किया गया है। यह कला और साहित्य के संगम का बेजोड़ प्रदर्शन है। कार्यक्रम निदेशक हरिगोपाल 'सन्नू' हर्ष ने कहा कि शहर के प्रतिष्ठित कवियों की कविताओं पर बनी इन पेंटिंग्स को आने वाले दिनों में प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।

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