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बीकानेर में खेजड़ी बचाओ धरने पर फिर बड़े आंदोलन की तैयारी, संत-समाज जुटा, सीएम को वादा याद दिलाएंगे

 

RNE Bikaner.

सोलर प्लांट सहित विकास के विभिन्न कामों के चलते हो रही अंधाधुंध खेजड़ी कटाई के खिलाफ में चल रहा आंदोलन अब एक बार फिर उग्र रूप ले सकता है। वजह, मुख्यमंत्री भजनलाल से बिश्नोई समाज के शिष्टमंडल से वादा किया था कि वे जल्द कड़ा कानून लाएंगे। समाज को उम्मीद थी कि विधानसभा के सत्र में यह कानून आएगा, पास हो जाएगा। इससे इतर सत्र समाप्त हो गया और कानून नहीं आया। ऐसे में अब पर्यावरण बचाने के लिए चल रहा आंदोलन एक बार फिर तेज होने का अनुमान है। मंगलवार को बीकानेर में धरनास्थल पर इसके संकेत भी मिले। इस धरनास्थल पर संत, समाज के लोग जुटे। आगामी रणनीति पर चर्चा की। प्रदर्शनकारियों ने पूरे आक्रोश मंे कहा, सरकार जब कानून लाएगी तब तक सभी पेड़ जाएंगे। फिर ऐसे कानून का फायदा क्या होगा?

संयोजक रामगोपाल बिश्नोई ने कहा, सीएम भजनलाल के साथ 27 अगस्त को समाज की मीटिंग हुई। उन्होंने इसी सत्र में कड़ा कानून लाने की बात कही। विधानसभा सत्र समाप्त हो गया। कानून नहीं आया। अब समाज, संत और पर्यावरण प्रेमी जुटे हैं और बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
 

धरनास्थल पर मौजूद संत नागरदासजी शास्त्री, रामाचार्य जी महाराज, रमतानंदजी आदि बोले, जब तक कानून नहीं बनेगा धरना चलता रहेगा। सरकार यह भी करें कि कानून बनने तक पेड़ों की कटाई बिलकुल रोक दें।

धरने पर बैठे कर्मचारी नेता, पर्यावरण प्रेमी अरूण वैद्य बोले, एक साल से आंदोलन कर रहे हैं। लगातार बातचीत हो रही है। सरकार सहित हर पक्ष पर्यावरण को बचाना चाहता है। इसके बावजूद हर दिन खेजड़ियां कट रही है।
 

केला में फिर कटे पेड़:
 

धरनार्थियों ने दावा किया कि बीती रात केला गांव में बड़ी संख्या में पेड़ काटे गये हैं। इनमंे से अधिकांश खेजड़ी के पेड़ है। इस तरह अंधाधुंध कटाई नहीं रोकी गई तो प्रदेशभर मंे बड़ा और उग्र आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।

धरना स्थल पर शिवदान मेघवाल, डा रामेश्वरलाल बिश्नोई, सज्जन कुमार चौधरी कामरेड, महिराम दिलोइया जिला अध्यक्ष जीव रक्षा, गंगाबिशन टाक, मूलचंद कामरेड, प्रेम रतन, हंसराज फौजी, रामदेव मेघवाल सरपंच, प्रेम मेहरिया, हनुमान काकड़, सुरेन्द्र गोदारा आदि मौजूद रहे।