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Rajasthan: 21 सूत्री मांगों को लेकर शहीद स्मारक पर जुटेंगे कर्मचारी

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के बेनर तले होगा एकदिवसीय प्रदर्शन
 
बीकानेर से  नर्सेज सहित अन्य विभागों के सैंकड़ों कर्मचारी होंगे शामिल

RNE Bikaner.
राजस्थान के 10 लाख नियमित और अनियमित कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के तत्वावधान में आगामी 29 दिसंबर (सोमवार) को जयपुर के शहीद स्मारक पर एक विशाल प्रान्तीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।

जिसको लेकर आज कर्मचारी महासंघ बीकानेर संभाग प्रभारी श्रवण कुमार वर्मा के नेतृत्व में नर्सेज एवं महासंघ से जुड़े सक्रिय पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें सभी साथियों ने राजधानी जयपुर में होने वाले प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने का संकल्प लिया।आज की बैठक में कर्मचारी नेता छोटूराम चौधरी, इदरीश अहमद, महिपाल चौधरी,  मुखराम बाना, सुनील सेन ,प्रेम विश्नोई सहित अनेक पदाधिकारी शामिल हुए ।

महासंघ के संभाग प्रभारी श्रवण कुमार वर्मा ने बताया कि वेतन विसंगति को लेकर पूर्व में गठित खेमराज कमेटी की रिपोर्ट खोदा पहाड़ निकली चुहिया" साबित हुई है। उनका कहना है कि छठे और सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों के कारण कर्मचारियों को हर महीने 5 से 15 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। यदि इन विसंगतियों को दूर नहीं किया गया, तो जनवरी 2026 से आने वाले 8वें वेतन आयोग में यह अंतर और अधिक बढ़ जाएगा।

        कर्मचारी नेता महिपाल चौधरी ने अपील  कि लोकतंत्र में मांगों को मनवाने के लिए 'सिर गिनाने' की आवश्यकता होती है। इसलिए सभी कर्मचारी संगठन रूपी दीवारों को लांघकर एकजुट हों। 29 दिसंबर को प्रातः 11 बजे से शुरू होने वाले इस प्रदर्शन में संविदा, मानदेय और नियमित, सभी श्रेणियों के कर्मचारियों को अपने हक की आवाज बुलंद करने के लिए ज्यादा से ज्यादा शामिल होवे ।

प्रमुख मांगें जिन पर टिकी है नजर 

महासंघ ने राज्य सरकार के सम्मुख 21  मांगें रखी हैं, जिनमें मुख्य रूप से यह शामिल हैं:

पेंशन की सुरक्षाः एनपीएस मद में जमा राशि को कर्मचारियों के जीपीएफ खातों में जमा करवाना और आपस को बिना किसी छेड़छाड़ के जारी रखना।
संविदा मुक्ति व नियमितीकरणः विभिन्न विभागों और बोडों में ठेका प्रथा समाप्त कर कार्यरत कार्मिकों को नियमित करना।
वेतन विसंगतिः 8वें वेतन आयोग से पूर्व छठवें व सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करना।
पदोन्नति के लाभ: एमएसीपी के तहत 9-18-27 के बजाय 7-14-21-28 को लाभों का भुगतान।

 

कैडर पुनर्गठन:

विभिन्न विभागों में लंबे समय से कैडर रिव्यू नहीं हुआ जिसके चलते कार्मिक एवं विभाग दोनों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए वर्तमान परिदृश्य को ध्यान रखते हुए विभिन्न विभागों का कैडर पुनर्गठन किया जाए ।
स्थानांतरण नीतिः* तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर लगी रोक हटाना और पारदर्शी स्थानांतरण नीति लागू करना।

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