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शहर के भीतरी भाग में पर्ची सट्टे के कई ठिकाने, मगर कार्यवाई नहीं, जुआ भी कई जगहों पर सरेआम खेला जा रहा, कोई नहीं रोक रहा

कई युवा कर्ज में डूबे, बुराइयो की गौद में जा गिरे
अनेक सभ्य घरों की शांति को लग गया इससे पलीता
समाज की सक्रियता जरूरी, तभी पुलिस लगा सकेगी लगाम
 

रितेश जोशी

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RNE Special.

पर्ची सट्टा व जुआ, ये दो सामाजिक अपराध ऐसे है जिनसे युवा वर्ग पूरी तरह बर्बाद हो जाता है, वो दिशाहीन होकर अपनी ऊर्जा का सही उपयोग भी नहीं कर पाता। उसे इन दो सामाजिक अपराधों से बिना मेहनत किये बड़े धन की प्राप्ति की लालसा लग जाती है। ये लालसा उसे मेहनत से दूर ले जाती है और एक दिन वो इन सामाजिक अपराधों के कारण बुराईयों की गोद में जा गिरता है।
 

शहर के भीतरी भाग में यह सामाजिक बुराई ज्यादा फैली हुई है। ऐसा नहीं है कि शहर के बाहर नहीं है, यहां भी है। शहर के अनेक सभ्य घरों का सुख चैन इस बुराई ने छीन लिया है। युवा घर से बाइक लेकर निकलते है और उसे ही गिरवी रखकर जुए में हार जाते है। इस सामाजिक बुराई ने अब बहुत पैर पसार लिए है, उस पर अंकुश जरूरी है। यह हर सभ्य नागरिक व पीड़ित परिवार चाहते है।
 

पर्ची सट्टा बहुत जोरों पर है:
 

शहर के भीतरी भाग में एक नहीं अनेक ऐसे स्पॉट है जहां पर्ची सट्टे का काम धड़ल्ले से चलता है। लोगों की नजरों के सामने। दिन में हर घन्टे में एक अक्षर खुलता है और उस पर सट्टा लगता है। ये बड़ा नुकसान कर रहा है युवा पीढ़ी का। पुलिस की अपनी सीमाएं है। इस पर बिना समाज के सहयोग के अंकुश नहीं लगाया जा सकता। जिस मोहल्ले, गली में यह पर्ची का सट्टा चलता है, यदि वहां के लोग पुलिस को सूचित करें तो इसे बंद किया जा सकता है। इसमें पुलिस का जो बीट कांस्टेबल है, वो भी बड़ी भूमिका निभा सकता है। उसे मजबूत करना होगा।
 

जुआ कहां, ये भी पता है:
 

कई स्थान ऐसे है, जहां पर्ची सट्टे की तरह नियमित रूप से जुआ खेला जाता है। इन स्थानों को पुलिस भी चाहे तो आइडेंटिफाई कर कार्यवाही कर सकती है। लोगों का सहयोग भी ले सकती है। बीट कांस्टेबल के अलावा मुखबिर की सहायता भी ली जा सकती है। पुलिस की ईच्छा शक्ति हो तो इनको पकड़ना ज्यादा मुश्किल काम नहीं।
 

समाज का पुलिस को साथ हो:
 

समाज को भी इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा। उसे सट्टा करने वाले व जुआ खिलाने वाले से कोई सहानुभूति नही रखनी चाहिए। कल को ये बुराई उनके घर तक भी पहुंच सकती है। उनको तुरंत पुलिस को सूचना देकर इसे पकड़वाना चाहिए। 
 

रुद्रा न्यूज एक्सप्रेस के सवाल:
 

  1. जब तय जगहों पर रोज पर्ची सट्टा व जुआ होता है तो पुलिस की दबिश क्यों नहीं
  2. बीट कांस्टेबल निष्क्रिय क्यों, इस सिस्टम को मजबूत क्यों नहीं किया जाता
  3. पुलिस गश्त रात को मजबूत क्यों नहीं, रात को कई जगहों पर सरेआम चलता है जुआ
  4. क्या समाज का दायित्त्व नहीं इस बुराई को मेटने का