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उस वक्त के न्यास की इस योजना की फाइल को क्यों डंप किया, जनता से सुझाव लेकर बना था प्रस्ताव, फिर जन उपेक्षा क्यों

रेलवे फाटक की समस्या का त्वरित निदान है अंडर ब्रिज
रानी बाजार अंडर ब्रिज की सफलता के बाद उठा सवाल
 
gotgate bikaner

रितेश जोशी
ritesh joshi

RNE Special.


हर शहर विकास के मामले में आगे बढ़ता है। जनसंख्या और आधुनिकता के दौर में शायद ही कोई शहर ऐसा होगा जो आगे बढ़ने के बजाय पीछे जाये। यदि वो शहर अपने संभाग का मुख्यालय हो तो फिर स्वाभाविक रूप से उसके विकास की गति चौगुनी नहीं तो तिगुनी तो होनी ही चाहिये। 
 

दुर्भाग्य ! बीकानेर के साथ ऐसा नहीं है। यह संभाग मुख्यालय है फिर भी जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर की तरह इसका विकास नही हुआ। इन संभागों की तुलना में 10 प्रतिशत भी विकास नहीं हुआ। अब ये पिछड़ापन बीकानेर वासियों को सताने लगा है। 
 

बात रेलवे फाटकों की:
 

बीकानेर शहर के बीच की रेल लाइन इस शहर को दो भागों में विभक्त करती है। रानी बाजार, कोटगेट, चोखुंटी आदि पर पहले दिन में अनेक बार रेल फाटक बंद होते थे और शहर की रफ्तार थम जाती थी। लोगों के समय का, अर्थ का बड़ा नुकसान होता था। इस नुकसान पर बहुत कुछ लिखा और कहा गया है। 
 

पहली राहत मिली रानी बाजार से:
 

सरकार व जन प्रतिनिधियों को सदबुद्धि आई। रानी बाजार रेल फाटक हटे और वहां अंडर ब्रिज बना। दकियानूसी लोगों ने उस समय विरोध भी किया। मगर अब वो अंडर ब्रिज सबसे अधिक लाभदायी साबित हो रहा है। लोगों का समय, पेट्रोल बच रहा है।
 

कोटगेट के लिए भी यही योजना:
 

नगर विकास न्यास के अध्यक्ष जब मकसूद थे तब उन्होंने कोटगेट रेलवे फाटक की समस्या से निजात दिलाने के लिए अंडर ब्रिज का प्रस्ताव बनाया। उसका मॉडल बना जनता की राय ली। कुछ व्यापारियों को छोड़कर सभी ने उनके प्रस्ताव का स्वागत किया। बजट प्रावधान हुआ। एक बड़े काम की उम्मीद जनता में जगी।
लोगों को लगा कि अब कोटगेट पर उनको निकलने में परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। शहर के भीतरी हिस्से के लोगों को नोकरी, सरकारी काम आदि के लिए रोज ही कोटगेट को पार करना पड़ता था। बीकानेर पश्चिम क्षेत्र की 90 फीसदी जनता को अंडर ब्रिज से फायदा था। क्योंकि रिंग रोड़ तो विवादों की भेंट चढ़ चुकी थी।

 

मकसूद हटे तो फाइल भी गायब:
 

मकसूद अहमद के कार्यकाल में बीकानेर शहर के लिए बनी यह महात्त्वाकांशी योजना परकोटे के भीतर रहने वालों का बड़ा सपना थी। मगर जब राज बदला तो फाइल भी गुम हो गई। अब कोई कोटगेट अंडर ब्रिज की बात ही नहीं कर रहा। ये बीकानेर की जनता के साथ धोखा है। हाकम बदले, मगर हुकुम तो न बदले।
 

सांसद अर्जुनराम जी से गुहार:
 

जनता की अब अपने सांसद व देश के कानून मंत्री अर्जुनराम जी मेघवाल से गुहार है कि वे कोटगेट अंडर ब्रिज की गुम हुई फाइल को बाहर निकलवाये और जन आकांक्षाओं की पूर्ति करे। रेलवे लाइन को हटाने का काम आसान नहीं, वो तो होगा तब होगा, तब तक ये राहत तो प्रदान करे।
 

विधायक जेठानन्द जी से आग्रह:
 

बीकानेर पश्चिम के नागरिकों को अंडर ब्रिज से सर्वाधिक फायदा होना है। ये सब जेठानन्द जी व्यास के क्षेत्र की लाडली जनता है। व्यास को भी इस मामले में पहल कर सीएम से बात करनी चाहिए। पश्चिम की जनता उनको हार्दिक धन्यवाद देगी।