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लक्ष्मीनारायण रंगा के साहित्य पर रवि पुरोहित, जाकिर अदीब सहित लेखकों ने कही ये बड़ी बात

 

RNE BIKANER.

साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा की 92वीं जयंती के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय ‘सृजन सौरम-हमारे बाऊजी’ समारोह के दूसरे दिन उन्हें समर्पित काव्य रंगत का आयोजन लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में आयोजित किया गया।

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प्रज्ञालय संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि-संपादक रवि पुरोहित ने कहा कि लक्ष्मीनारायण रंगा का साहित्य सदैव प्रासंगिक एवं कालजयी रहेगा, क्योंकि उनका संपूर्ण सृजन संजीदा-संवेदनशील तो था ही साथ ही आप मानवता के प्रबल पैरोकार बनकर अपने पाठकों से रागात्मक रिश्ता बनाते है।
अध्यक्षता करते हुए शायर जाकिर अदीब ने लक्ष्मीनारायण रंगा के समृद्ध साहित्य को प्रेरणादायी बताते हुए उनकी साहित्य साधना को मानवीय चेतना का सशक्त पैरोकार बताया। कहा, रंगा ने साहित्य की सभी विधाओं में विपुल सृजन कर कीर्तिमान स्थापित किया। उनकी स्मृति में ऐसे महत्वपूर्ण आयोजन से नगर की साहित्यक परंपरा को बल मिलता है।
राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने लक्ष्मीनारायण रंगा के काव्य रचना संसार को अनुभव-अनुभूति एवं सवेदनाआंे का सच्चा तलपट बताया। कहा, उनकी रचनाएं उदात्त चिन्तन के साथ नव बोध-नव संदर्भ एवं समसामयिक विषयों पर केन्द्रित है।
इन्होंने पढ़ी कविताएं : 
लक्ष्मीनारायण रंगा को समर्पित ‘काव्य रंगत’ में तीन भाषा-तीन पीढ़ी के तीन रंगो के साथ प्रमुख रूप से जाकिर अदीब, रवि पुरोहित, कमल रंगा, प्रमोद शर्मा, डॉ गौरीशंकर प्रजापत, मनीषा आर्य सोनी, डॉ. कृष्णा आचार्य, पुनीत कुमार रंगा, जुगल किशोर पुरोहित, कासिम बीकानेरी, सुमित रंगा, डॉ. नृसिंह बिन्नाणी, मधुरिमा सिंह, सागर सिद्दकी, राजाराम स्वर्णकार, कैलाश टाक, इन्द्रा व्यास, गिरिराज पारीक, गंगाबिशन बिश्नोई, आनन्द छंगाणी, हरि किशन व्यास, पीतांबर सोनी, मदनगोपाल व्यास, अब्दुल शकूर सहित नगर के हिन्दी, उर्दू एवं राजस्थानी के कवि शायरों ने समकालीन संदर्भ एवं नव बोध के साथ वर्तमान हालातों एवं समसामयिक विषयांे पर अपनी काव्य प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्वागत करते हुए गिरिराज पारीक ने रंगाजी से जुडे़ कई संस्मरण साझा किए।
ये रहे मौजूद :  
डॉ. अजय जोशी, आत्माराम भाटी, राजेश रंगा, योगेन्द्र पुरोहित, गोपाल कुमार व्यास, महेन्द्र जोशी, बी. एल. नवीन डॉ फारूख चौहान, अविनाश व्यास, घनश्याम सिंह, रमेश हर्ष, डॉ. तुलसीराम मोदी, शिव प्रकाश शर्मा, आशीष रंगा, अरूण व्यास, राहुल आचार्य, रूद्र प्रताप, भवानी सिंह, मदन जैरी, अशोक शर्मा, अंकित रंगा, कार्तिक मोदी, अख्तर अली, तोलाराम सारण, घनश्याम ओझा, चंपालाल गहलोत, कन्हैयालाल पंवार, भैरूरतन, जीवणलाल सहित अनेक गणमान्यों की रही। जिन्होने लक्ष्मीनारायण रंगा के तेलचित्र पर अतिथियों के साथ प्रारंभ में पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें एवं उनकी साहित्यिक सृजना को नमन किया।
 कार्यक्रम का संचालन शायर कासिम बीकानेरी ने किया एवं आभार वरिष्ठ शिक्षाविद् राजेश रंगा ने ज्ञापित किया।

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