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Bikaner : लूणकरणसर में चक्काजाम का आह्वान, हालात देखने पहुंचे कलेक्टर-एसपी

RNE Lunkaransar-Bikaner.

पानी के लिए एक बार फिर किसान आंदोलन भड़कने की आशंका के बीच प्रशासन चाक-चौबन्द हो गया है। किसानों के गुस्से और नाराजगी को भांपते हुए प्रशासनिक अधिकारी उनके पास जाकर समझाइश कर रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को बीकानेर की कलेक्टर नम्रता वृष्णि और एसपी कावेन्द्रसिंह सागर लूणकरणसर पहुंचे।

यहां लूणकरणसर में चक्काजाम के आह्वान को देखते हुए आंदोलित किसानों के प्रतिनिधियों से बात की। संयुक्त किसान मोर्चे के नेता लालचंद भादू सहित प्रतिनिधियों को सरकार की ओर से किए जा रहे उपाय बताये। किसानों की मांगें सुनी। इसके साथ ही बंद को शांतिपूर्ण रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने को भी कहा।

पांच दिन से धरने पर किसान, कल चक्काजाम :

दरअसल लूणकरणसर में सिंचाई के पानी की मांग कर रहे किसान आंदोलन कर रहे हैं। पांच दिन से लूणकरणसर में धरने पर बैठे हैं। अब शनिवार को चक्काजाम करने की घोषणा कर दी।

इसी को देखते हुए जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि और पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सिंह सागर ने वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सिंचाई पानी की मांग कर रहे किसानों के संयुक्त मोर्चे के प्रतिनिधियों से शुक्रवार को लूणकरणसर के उपखंड अधिकारी कार्यालय में मुलाकात की।

कलेक्टर ने आंदोलनकारियों से यह कहा :

कलेक्टर वृष्णि ने राज्य सरकार द्वारा किसान हित में किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन इस मुद्दे पर पूर्णतया संवेदनशील है। मुख्य सचिव स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इसकी समीक्षा की जा गई है। इस दौरान जिला कलेक्टर ने किसानों की मांगों के बारे में जानकारी ली और कहा कि प्रत्येक वाजिब मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा समर्थित वार्ता के दौरान किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने विश्वास दिलाया कि शनिवार को प्रस्तावित बंद पूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से किया जाएगा। इस दौरान कानून-व्यवस्था का पालन किया जाएगा।

इन दो मांगों पर ये कार्रवाई :

किसानों की दो प्रमुख मांगों के बारे में बताते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि समर्थित मूल्य पर मूंगफली खरीद की तिथि राज्य सरकार के निर्देश पर दस दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। अब यह प्रक्रिया 28 फरवरी तक चलेगी, इससे वंचित किसानों को भी समर्थित मूल्य का लाभ मिल सकेगा। साथ ही विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था में सुधार के निर्देश देते हुए इसकी अनुपालना करवा दी गई है। विद्युत निगम के अधिकारियों को इस मुद्दे पर पूर्ण गंभीरता और संवेदनशीलता रखने के निर्देश दिए गए हैं।

ये है किसानों की तैयारी :

शनिवार को सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक लूणकरणसर के अलग-अलग इलाकों में चक्का जाम के लिए अलग-अलग गांवों के किसानों के कमेटियाँ बनाई है। संयुक्त मोर्चे के नेता कामरेड लालचंद भादू ने इसके लिए बाकायदा अलग-अलग गांवों के ब्लॉक घोषित कर किसानों को उनके क्षेत्र में नाका पॉइंट पर पहुँचने को कहा है। इन ब्लॉक के मुताबिक अरजनसर, महाजन, शेखसर, कांकड़वाला, लूणकरणसर, धीरेरा-खारी, जामसर-जगदेववाला आदि इलाकों में अलग-अलग फाण्टों पर किसान कब्जा जमाएंगे।

इन वाहनों को छूट :

किसान नेता भादू ने प्रदर्शनकारियों को हिदायत दी है कि एंबुलेंस, दूध की गाड़ियां, बारात की गाड़ियाँ, मायरा या ऐसे ही मांगलिक काम कार्यक्रम में जा रही गाड़ियों को नहीं रोका जाये। इन्हें पहले निकलने दें। उन्होंने जाम पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से करने का आह्वान किया।

वार्ता ठीक लेकिन कलेक्टर के अधिकार में नहीं :

वार्ता के बाद धरनास्थल पर सभा में भादू ने कहा, कलेक्टर के साथ वार्ता सौहार्द्रपूर्ण रही। उन्होंने अपने अधिकारक्षेत्र में आने वाले किसान हित के काम तुरंत करने की हामी भरी। इससे इतर नहर से पूरा पानी दिलाने, छह घंटे बिजली दिलाने के सरकार को लिखने का आश्वासन दिया है।

भादू ने आरोप लगाया कि बीबीएमबी में राजस्थान के प्रतिनिधि के तौर पर हनुमानगढ़ के चीफ इंजीनियर ने सरकार को गुमराहकर फसल बचाने के सिंचाई पानी लेने से रोका है। इससे पहले भैरोंसिंह शेखावत सरकार के कार्यकाल में इससे भी कम जलस्तर होते हुए भी किसानों को सिंचाई का पनि दिया गया था।