Bikaner Camel Festival 2025 : प्रतियोगिताओं पर माना प्रशासन, रौबीले बोले-निर्णायक निष्पक्ष और संस्कृति का जानकार हो
रौबीलों की प्रशासन से मांगें : मान, मानदेय, निष्पक्ष निर्णय
RNE Bikaner
Bikaner Camel Festival 2025 का आगाज कल यानी शुक्रवार 10 जनवरी से होगा। जिन रौबीलों की मौजूदगी से इस आयोजन में चार चाँद लगते हैं वे इस इस बार प्रशासन के रवैये से काफी रुष्ट हैं। हालांकि उनकी मांग मानते हुए प्रशासन ने उत्सव से एक दिन पहले ही प्रतियोगिताएं आयोजित करने का निर्णय लिया है लेकिन इसके साथ ही जो ज्ञापन पर्यटन विभाग को दिया गया है, वह इन प्रतिभागियों का दर्द बयां करता है। इस ज्ञापन से सामने आता है पूरे साल ऊंट उत्सव की तैयारी करते हुए इस आयोजन को भव्य बनाने में सबकुछ झोंक देने वाले इन बीकानेरवासियों के साथ कैसा सलूक होता है। यही वजह है कि इन्होंने जो मांगें रखी हैं उनमें सबसे प्रमुख यह है कि रौबीलों को पूरा मान-सम्मान मिले।
जानिए क्या है रौबीलों की मांगें :
1. मिस्टर बीकाणा,मिस मरवण, ढोला-मरवण प्रतियोगिता मे भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को उचित मान- सम्मान मिले
2. सभी प्रतिभागियों के बैठने – जलपान की उचित व्यवस्था का प्रबंधन किया जाए
3. गत वर्ष मात्र प्रथम स्थान के प्रतिभागी को सम्मान-पत्रक,स्मृति चिन्ह और विजेता राशि दी गयी उसे वापस पूर्व के निरन्तर कई वर्षों से चल रहे प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान तक के विजेताओं तक शामिल किया जाए।
4. निर्णायक मंडल मे शामिल निर्णायक उसी क्षेत्र के पूर्ण मापदंडो का ज्ञान रखते हो उन्हें ही शामिल किया जाए और पारदर्शिता पूर्ण निर्णय किये जायें।
5. ऊंट उत्सव के 3 दिनों को जो मानदेय भत्ता पर्यटन विभाग द्वारा रोबिलो को पूर्व मे दिया जाता था उसे इसी वर्ष से लागू किया जाए !
रौबीलों की ये मांगें जाहिर करती हैं कि उन्हें उत्सव में सिर्फ दिखावे के लिए बुलाया जा रहा है। उचित मान-सम्मान तक नहीं दिया जाता। यही वजह कि इस बार राहुल शंकर थानवी, चन्द्र प्रकाश, अशोक बोहरा, माइकल, रविन्द्र जोशी, नवनीत, योगेश सेवग, गोपाल बिस्सा आदि ने पर्यटन विभाग के उप निदेशक को यह पांच सूत्री मांग-पत्र सौंपा है।