Bikaner : रामलीला और भादानी समाज के गरबा में उमड़ी भीड़
RNE Bikaner.
लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर के संतोषी माता पार्क में चल रही रामलीला भी अब परवान पर पहुंच रही है। राम को वनवास के बाद वनवासी राम पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ समय व्यतीत कर रहे थे कि शूर्पणखा आ धमकी। लक्ष्मण ने तैश में नाक काट डाला और वह भाई रावण के दरबार में जाकर खूब रोई।
भाई को उकसाते हुए सीताहरण के लिये प्रेरित किया और रावण मामा मारीच के साथ मिलकर सोने के हिरण का छलावा करने जा धमका। हिरण देख सीता का मन डोल गया।
बोली,
‘मृग ऐसा देखा न सुना, जैसा यह सुघड़ सलोना है
देखो तो सर से पांव तलक, सारा सोना ही सोना है।’
स्वर्णमृग के इसी छलावे में लेकर रावण ने सीता का हरण कर लिया। पत्नी वियोग में ढूंढ़ते रामजी को मरणासन्न जटायु मिले जिसने बताया कि रावण सीता को लेकर गया है।
इस बीच जब हनुमान मिले तो रामलीला मैदान में जयश्रीराम के साथ ही जय हनुमान के उद्घोष गूंज उठे। हनुमानजी से भेंट के साथ ही सुग्रीव का दर्द जाना और बालि से युद्ध की ठन गई।
नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर में श्रीराम कला मंदिर संस्थान की ओर से हो रही इस रामलीला में भाजपा नेता डा.सत्यप्रकाश आचार्य, महामंत्री मोहन सुराणा, पत्रकार राजेश छंगाणी, समाजसेवी चंदन अग्रवाल आदि बतौर अतिथि मौजूद रहे।आयोजन से जुड़े गिरिराज जोशी ने बताया कि अब रामलीला परवान पर चल रही है। दर्शकों की बढ़ती संख्या देखकर सीटिंग कैपेसिटी लगातार बढ़ा रहे हैं।
गरबा में जुटी भादाणी समाज की महिलाएं
गोपेश्वर बस्ती स्थित भादाणी पंचायत भवन में देर रात ज्योंहि लाइट्स ऑन हुई, डीजे पर गरबा धुन बजी सैकड़ों सजी-धजी महिलएं गरबांगन में उतर आई।
गीत बदलते गये, इसके साथ गरबा खेलने वाली महिलाओं-युवतियों के स्टेप भी बदलते गये। छोटी बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक की भागीदारी ने इस गरबा को एक पारिवारिक रूप दे दिया।
दरअसल यह गरबा आयोजन है भादाणी पुरोहित पंचायती ट्रस्ट की ओर रखा गया है। प्रदीप भादाणी उर्फ डॉलर की देखरेख में शुरू हुए आयोजन के दूसरे दिन शुक्रवार को अच्छी प्रस्तुतियां देने वाली महिलाओं-युवतियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
नेमीचंद भादाणी, ललित भादाणी, रूपेश भादाणी आदि इस आयोजन को पारिवारिक रखते हुए भव्यता देने में जुटे नजर आये।