Bikaner : डॉ.नंदकिशोर को ” गाँधी-दर्शन और शान्ति-अहिंसा” पर शोध के लिये गाँधीधाम में दिया जाएगा “भंवरमल्ल सिंघी स्मृति सम्मान”
RNE Bikaner.
लेखक-विचारक-कवि डॉ नन्दकिशोर आचार्य को “भंवरमल्ल सिंघी स्मृति सम्मान” घोषित हुआ है। अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच के गाँधीधाम, गुजरात में 26-29 दिसंबर, 2024 को आयोजित होने वाले 15वें द्विवार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन “अनंतम” में डॉ आचार्य को यह सम्मान दिया जाएगा।
डॉ. आचार्य को यह सम्मान गाँधी-दर्शन और शान्ति-अहिंसा पर उन के विशिष्ट और मौलिक शोध के लिए प्रदान किया जा रहा है। आयोजन के अलंकरण सत्र में डॉ आचार्य को इक्यावन हजार रुपये सहित सम्मान पत्र भेंट किया जाएगा।
बतौर लेखक डॉ.आचार्य :
डॉ. आचार्य के अब तक बाईस काव्य संग्रह, आठ नाटक, ग्यारह आलोचनात्मक कृतियाँ, और गांधी-दर्शन, अहिंसा, मानवाधिकार, और शिक्षा पर बाईस सामाजिक-दार्शनिक ग्रंथ प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने अज्ञेय, निर्मल वर्मा, विनोबा भावे, नेमिचंद्र जैन, गोविंद मिश्र और विद्यानिवास मिश्र जैसे भारतीय साहित्यिक विभूतियों के कार्यों का संपादन किया है।
गाँधी-दर्शन और अहिंसा-शान्ति पर उनकी प्रमुख कृतियों में अहिंसा विश्वकोश का संपादन और अहिंसा-शांति ग्रंथमाला का संपादन शामिल है, जिसमें विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों में अहिंसा और शांति के वैश्विक दृष्टिकोण पर 50 पुस्तकें सम्मिलित हैं।
डॉ. आचार्य के ये कार्य न केवल अकादमिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि हमारे सामूहिक अस्तित्व की पहचान का एक जीवंत दस्तावेज़ीकरण है। डॉ. आचार्य आजकल एमेरिटस प्रोफ़ेसर के रूप में आइटीएम यूनिवर्सिटी, ग्वालियर से जुड़े हैं जहाँ वह लोहिया के विचार और जीवन-दर्शन पर केन्द्रित पुस्तक-माला पर कार्य कर रहे हैं।