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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चतुर्भुज व्यास नहीं रहे, नगर परिषद में सभापति भी रहे थे व्यास

RNE, Bikaner.

बीकानेर से दुखद खबर सामने आई है। यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बीकानेर नगर परिषद के सभापति रहे चतुर्भुज व्यास का देहावसन हो गया है। लगभग 74 वर्ष के चतुर्भुज व्यास पिछले कुछ समय से बीमार थे। उनका डायलिसिस भी निरंतर हो रहा था। अभी लगभग सप्ताहभर से पीबीएम हॉस्पिटल में भर्ती थे। कांग्रेस नेता और व्यास के भतीजे अरूण व्यास के मुताबिक पूर्व सभापति चुतुर्भुज व्यास का अंतिम संस्कार आज दोपहर लगभग एक बजे चौखूंटी स्थित श्मशान गृह पर होगा।

चतुर्भुत व्यास पांच भाइयों में से एक थे। इनमें से तीन भाई पहले ही मृत्युलोक को छोड़ चुके हैं। उनकी पत्नी का भी पहले देहावसान हो चुका है। अपने पीछे दो पुत्र सहित एक भाई, भतीजा, भतीजियों, पौत्र-पौत्रियों का भरापूरा परिवार छोड़ गये हैं।

छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में आये थे व्यास:

चतुर्भुज व्यास के राजनीतिक जीवन की शुरूआत छात्र राजनीति से हुई थी। वे डूंगर कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष रहे थे। अपने बड़े भाई स्व.हरिनारायण व्यास ‘महाराज’ की प्रेरणा से सक्रिय राजनीति में आये। कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर काम करते हुए वर्ष 1998 में पहली बार पार्षद का चुनाव लड़ा। बाद में नगर परिषद बीकानेर में सभापति रहे। उनके कार्यकाल को अब भी कई ऐतिहासिक निर्णयों के कारण याद किया जाता है।

जब पूरी सरकार के सामने अड़ गये व्यास:

व्यास की छवि एक जुझारू के साथ ही समन्वयवादी नेता के रूप में थी। बीकानेर की रोड लाइट बंद करने के निर्णय के खिलाफ उन्होंने बीमारी की हालत में आमरण अनशन शुरू कर दिया। शुगर से पीड़ित व्यास की तबीयत बिगड़ने लगी। हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। तत्कालीन कलेक्टर निर्मल वाधवानी सहित कई प्रशासनिक अधिकारी हॉस्पिटल में मिलने पहुंचे।

सरकार ने अपने प्रतिनिधि भेजे लेकिन वे इस बात पर अड़ गये कि जब तक बीकानेर की सड़कें रोशन नहीं होगी वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। शिखा नहीं बांधेंगे। आखिरकार बीकानेर की रोड लाइट विद्युत निगम ने चालू की तभी व्यास ने अन्न ग्रहण किया।

शोक जताने वालों का तांता:

व्यास के निधन पर शोक जताने वालों का तांता लग गया है। व्यास के निधन की खबर से प्रदेशभर के कांग्रेस नेताओं सहित बीकानेर मंे लगभग सभी वर्गो के प्रतिनिधि शोक जता रहे हैं। उनके परिजन, परिचित, समर्थक और कांग्रेस कार्यकर्ता-नेता बड़ी तादाद में उनके निवास के आगे एकत्रित होने लगे हैं।