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Bikaner Theatre Festival : 8 से 12 मार्च तक बीकानेर में कलाधर्मी बिखेरेंगे रंगकर्म की छटा

RNE, BIKANER.

बीकानेर थिएटर फेस्टिवल अब महज पांच दिन दूर है। एक ऐसा आयोजन जिसमें रंगमंच के कैनवास पर मानो देशभर के रंगधर्मी अपनी कला की विभिन्न छटा बिखेंगे। यहां के लोग देश के ख्यातनाम कलाकारों की कला से रूबरू हो सकेंगे। विधिवत रूप से रंगकर्म के महाकुंभ का उद्घाटन 8 मार्च को होगा। इसको लेकर आज संभागीय आयुक्त डॉ.रवि कुमार सुरपुर ने नाटकों का पूरा शिड्यूल जारी किया। अब 8 से 12 मार्च तक एक से एक बेहतरीन और बहुरंगी नाटक लोगों को देखने को मिलेंगे। इससे पूर्व सात मार्च को शाम साढ़े सात बजे से टीएम ऑडिटोरियम में लोक संगीत संध्या होगी।

इस मौके पर संभागीय आयुक्त डॉ.रवि कुमार ने कहा कि बीकानेर में यह अनुठा आयोजन होने जा रहा है। साथ ही यह थिएटर फेस्टिवल इस बार रंग शख्सियत राजेन्द्र गुप्ता को समर्पित रहेगा। इसमें पांच दिन में 25 नाटकों का मंचन अलग-अलग रंगमंचों पर होगा। गौरतलब है कि आयोजन जिला केक्टर, जिला प्रशासन, बीकानेर विकास प्राधिकरण, बीकानेर आयुक्त, उत्तर पश्चिम रेलवे के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। वहीं अनुराग कला केन्द्र, विरासत संवर्धन संस्थान, हंसराज डागा चेरिटेबल ट्रस्ट, होटल मिलेनियम, और सेठ तोलाराम बाफना अकादमी इसमें अहम भागीदारी निभा रहे हैं।

यह रहेगा कार्यक्रम

आयोजन से जुड़े हंसराज डागा के अनुसार नाटकों का आगाज आठ मार्च को सुबह टीएम ऑडिटोरिम में सुबह 11:30 बजे शिकस्ता से होगा। प्रत्येक दिन चार नाटकों का मंचन होगा। यह नाटक टीएम ऑडिटोरियम, टाउन हॉल, रविन्द्र रंगमंच में मंचित होंगे। इसी तरह दूसरे दिन 9 मार्च को पहला नाटक टीएम ऑडिटोरियम में जयपुर का अंतर्मन के धागे “एक अमृता” का मंचन होगा दूसरे दिन भी चार नाटक मंचित होंगे। तीसरे दिन 10 मार्च को पहला नाटक सुबह के सत्र में “नेक चोर” का मंचन होगा, इसके बाद तीन नाटकों का मंचन होगा। वहीं 11 मार्च को पहला बीकानेर का दुलारी बाई का मंचन होगा। इसके बाद तीन और नाटकों का मंचन होगा। अंतिम दिन 12 मार्च को पहले सत्र में श्रीगंगानगर का नाटक “ये आदमी ये चूहे” का मंचन होगा।

इसके बाद इसी दिन तीन और नाटकों का मंचन किया जाएगा। अंतिम नाटक “हम दोनों” से समापन होगा। आयोजन से जुड़े तोलाराम बाफना एकेडमी के परमजीत बोहरा ने बताया कि मास्टर क्लास के लिए 50 युवाओं का रजिस्ट्रेशन अब तक हो चुका है। इसमें 35 से अधिक अन्य शहरों के है और शेष बीकानेर के है। मास्टर क्लास में बीकानेर थिएटर फेस्टिवल में लाइटिंग, एक्टिंग और कथा गायन शैली की मास्टर क्लास राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय स्नातक अजय कुमार,अरुण व्यास, स्वाति होंगे। वहीं इसके कॉडिनेटर होंगे दिल्ली के अमित तिवाड़ी। आयोजन से जुड़े टोडरमल लालाणी, जतिन दुगड़ ने बताया कि रंगकर्मी अमित तिवाड़ी के निर्देशन में बीकानेर के विभिन्न स्थनों पर दिल्ली के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटकों की दमदार प्रस्तुति दी जाएगी।

यहां रहेगी पुस्तक दीर्घा…

बीकानेर थिएटर फेस्टिवल के दौरान हंशा गेस्ट हाउस में गायत्री प्रकाशन और पारायण फाउंडेशन द्वारा ‘पुस्तक-दीर्घा” का आयोजन इस बार भी किया जा रहा है। गायत्री प्रकाशन के ‘जन तक सृजन” अभियान के तहत आयोजित इस पुस्तक-दीर्घा का उद्देश्य किताबों को पाठकों तक पहुंचाना है। इस दीर्घा में प्रदर्शित पुस्तकें फेस्टिवल के दौरान बनाई गई दीर्घा में रहकर ही देखी-पढ़ी जा सकती है। इन पुस्तकों का विक्रय नहीं होगा। इस पुस्तक-दीर्घा योजना को रचनाकारों की काफी सराहना मिल रही है। लोग अपनी-अपनी कृतियां भेज रहे हैं। ये कृतियां लेखकों को वापस नहीं लौटाई जाएंगी बल्कि आगामी आयोजन के लिए सुरक्षित रखी जाएगी।

अगर कोई इन पुस्तकों में से किसी कोई पुस्तक लेना चाहता है तो वह प्रकाशक या लेखक से मंगवा सकता है। इस संबंध में हमारे कार्यकर्ता सहयोग के लिए तत्पर रहेंगे। संभव हुआ तो थिएटर फेस्टिवल की अवधि के बीच ही किताबें उपलब्ध करवा देंगे।vदीर्घा के संयोजक हरीश बी.शर्मा ने बताया कि यह ‘जन तक सृजन” अभियान की एक महती योजना है, जिसका उद्देश्य स्थान-स्थान पर पुस्तक-दीर्घाएं आयोजित करके आम लोगों को पुस्तकों से अवगत करवाना है। लेखक व प्रकाशक चाहे तो हंशा गेस्ट हाउस में पुस्तक-दीर्घा में अपनी किताबें भी रखवा सकते हैं।