
Bikaneri Akhateej Star : नवदीप बीकानेरी, सांवरलाल रंगा, संजय पुरोहित, हरीश बी.शर्मा, हरिशंकर आचार्य, नगेन्द्र किराड़ू, मोनिका-मनीष, इरशाद-रफीक
अभिषेक पुरोहित
RNE Bikaner.
बीकानेर और इससे जुड़े गीतों की बात हो तो लोकगीत बन चुका ‘म्हारो जंगळ-मंगळ देस म्हांने आछौ लागै सा..’ तो सदाबहार है ही लेकिन बीकानेर स्थापना दिवस के मौके पर अब कई कलाकार-गीतकार अपने शहर की खूबियां गीतों में पिरोकर ला रहे हैं। देखते ही देखते आखातीज के स्टार बन चुके इन गीतकारों-गायकों में कई ऐसे नाम भी है जो साहित्य और पत्रकारिता जैसे क्षेत्र में भी सम्मान से लिये जाते हैं। इस आखातीज पर भी इन गीतकारों-गायकों के गीत छतों पर लगे स्पीकर में गूंज रहे हैं और कई नये गाने या गीत इसमें शामिल हो चुके हैं।
नवदीप का ‘कूद काळिया’ घोटा महाराज का ‘स्वर्गां सूं प्यारो..’ सदाबहार:
बात जब आखातीज के मस्तीभरे गीतों की हो तो अब भी नवदीप बीकानेरी का ‘कूद काळिया गोंखें सूं गळी में किन्नौ आयो..’ सदाबहार कहा जा सकता है। कई सालों से यह गीत धूम मचाये है और इस बार भी छतों पर लगे स्पीकर से लेकर मोबाइल में ये सुना जा रहा है।
संगीत के शास्त्रीय पक्ष और कर्णप्रिय आवाज के साथ शहर का खास धार्मिक-पारंपरिक विवेचन सांवरलाल रंगा ‘घोटा महाराज’ के गीत ‘स्वर्गां सूं प्यारो लागै आज..’ में खास अंदाज में सुनने को मिलता है।
संजय करवाते नगर यात्रा, हरीश जगाते उत्साह:
बीकानेर की स्थाना और इस शहर की खूबियों से जुड़े गीतों में पिछले सालों में जो उल्लेखनीय नये गीत सामने आये हैं उनमें साहित्यकार संजय पुरोहित का ‘सैर बीकाणो म्हांरो देख..’ एक खास जगह रखता है।
इस गीत का जिक्र करते हुए अचानक जेहन में आती है एक फिल्म ‘1942 ए लव स्टोरी’। इसमें अनिल कपूर और मनीषा कोइराला पर गीत फिल्माया गया ‘इक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, जैसे खिलता गुलाब…’। जावेद अख्तर ने इस गीत में जैसे खिलता गुलाब की तर्ज पर ही सारी खूबियां जोड़ दी जिसे कुमार सानू ने शानदार अंदाज में गाया। कुछ ऐसे ही पुरोहित का ‘सैर बीकाणो म्हांरो देख..’ गीत आपको बीकानेर की लगभग हर खूबी से परिचित करवा देता है। गायक-संगीतकार राजनारायण पुरोहित की आवाज ने इसमें चार चांद लगाये हैं।
कुछ इसी तरह हरीश बी.शर्मा का ‘खदबद करतो बण्यो खीचड़ौ ऊपर घी री धार..’ सुनते ही वाकई स्वाद के शौकीनों के मुंह में ‘लार’ ला देता है। अमिताभ बच्चन के इस प्रशंसक साहित्यकार-गीतकार ने अपने गीत के लिये किसी गायक पर भरोसा नहीं किया वरन खुद ही इसे आवाज दी। पिछले कुछ सालों में यह गीत आखातीज पर खूब गूंज रहा है।
हरिशंकर आचार्य, नगेन्द्र किराड़ू, इरशाद अजीज की खास दस्तक :
इस बार आखातीज पर जिन गीतकारों-साहित्यकारों ने अपने शहर की स्थापना और इसकी अपणायत को गीतों में पिरोया है उनमें गीतकार लेखक हरिशंकर आचार्य, गीतकार समीक्षक नगेन्द्र नारायण किराड़ू और शायर इरशाद अजीज जैसे नाम भी शामिल हैं।
हरिशंकर आचार्य ने ‘काळिये किन्नै रो दिल काळी किन्नी माथै अटक्यो..’ यूथ को आकर्षित करने वाले टाइटल के साथ ‘डागळै’ वाली मस्ती को शब्दों में पिरोया है। लोकेश चूरा की आवाज के साथ ही गीत का फिल्मांकन लोगों को खूब भा रहा है। खासतौर पर यंगस्टर को यह ‘नैन मटक्को’ वाला चुलबुलापन खास आकर्षित करता लगता है।
नगेन्द्र नारायण किराड़ू पहले भी कई गीत लिख और रिकॉर्ड कर चुके हैं। इस बार भी आखातीज के मौके पर उन्होने नया गीत लांच किया है। ‘काळी काळी बादळी में चमकै धौळी बीज रे, नार सुलखणी थारै बिना कियां मनावां आखातीज रे..।’ किराड़ू के इस गीत में खींचड़े में घी की धार के बीच कहीं विरह के आंसू बहते ध्वनित होते हैं। उन्होंने गीत खुद ही अपनी आवाज में रिकॉर्ड किया है। यशु भादानी का संगीत और रामसहाय हर्ष का निर्देशन है।
शायर इरशाद अजीज ने भी बीकानेर शहर पर केन्द्रित अपने गीत का ऑडियो-वीडियो लांच किया है। ‘हैप्पी बर्थ डे बीकानेर..’ शीर्षक वाले इस गीत को रफीक राजा ने संगीत दिया और गाया है। ‘डागळै किन्ना उडै..’ हाइलाइट के साथ इस गीत में भी पतंगबाजी की मस्ती झलकती है। विधायक जेठानंद व्यास ने इसे लांच किया और इसके फिल्मांकन का भी हिस्सा बने हैं।
मोनिका गौड़-मनीष गौड़ का ‘चाल भायला’:
कवयित्री मोनिका गौड़, मनीष गौड़ का लिखा, गाया एक गीत इस बार लांच हुआ है गाने के अपने खास अंदाज के कारण खूब आकर्षित कर रहा है। ‘पकड़-पकड़ खींच-खींच..’ अपनी रिद्म के कारण खास ध्यान खींच रहा है। इसके अलावा भी बीकानेर में कई कलाकारों ने अपने शहर के स्थापना दिवस पर इस शहर की अपणायत को समय-समय पर गीतों में पिरोया है।