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भाजपा ने दलितों पर संभलकर बोलने का निर्देश दिया, पार्टी लाइन से अलग बोलना पड़ेगा भारी

RNE Network.

राज्यसभा में अमित शाह के अंबेडकर पर दिए भाषण के बाद से मचे बवाल को विपक्ष ने अभी तक पकड़ा हुआ है। उसके बाद से भाजपा पर दलित विरोधी होने और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को बदलने के आरोप विपक्षी दल लगा रहे हैं।अभी हाल ही में राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जुली के राम मंदिर में जाने के बाद भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा के मंदिर को साफ करने से ये विवाद फिर खड़ा हो गया। हालांकि भाजपा ने इस पर सख्त कदम उठाया। आहूजा की पार्टी से प्राथमिक सदस्यता निलंबित कर दी। कारण बताओ नोटिस देकर 3 दिन में जवाब मांगा। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने उनके बयान व काम की आलोचना की।14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती है। जिसे भाजपा बड़े पैमाने पर मनाने का निर्णय कर चुकी है। पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने एक बैठक की। उस बैठक के बाद उन्होंने देश के सभी पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि वे दलित, संविधान व अंबेडकर के बारे में पार्टी लाइन से अलग कुछ भी न बोले। यदि बोले तो पार्टी अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगी।राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने देश के अपने सभी सांसदों, विधायकों, मंत्रियों, प्रदेश पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दलित बस्तियों में जाये। दलितों के घर जाकर उनसे बात करे। भाजपा विपक्ष के उस प्रयास को धोना चाहती है जिसमें विपक्ष भाजपा को दलित विरोधी, संविधान विरोधी साबित करने पर तुली हुई है।