भाजपा संगठन चुनाव, राठौड़ का अध्यक्ष बनना तय, सामने कोई भी नहीं
RNE Network
भाजपा संगठन के चुनाव की प्रक्रिया आरम्भ हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव अगले महीने होना है और इस पद के लिए मदन राठौड़ का नाम तय है, कोई दूसरा नाम सामने है ही नहीं। भाजपा ने अभी तीन महीनें पहले ही उनको प्रदेश अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया है, जाहिर है वे ही अध्यक्ष चुने भी जायेंगे, वो भी निर्विरोध।
राठौड़ ने 3 महीनें के अपने कार्यकाल में कमाल भी करके दिखाया है। भाजपा के सरकार के समय पहले सबसे बड़ी समस्या सरकार व संगठन के बीच तालमेल की रहती थी। मगर 3 महीनें में ही राठौड़ ने ये साबित कर दिया कि सरकार व संगठन के बीच बेहतर तालमेल है। उप चुनाव इसका बड़ा प्रमाण है। इस तालमेल का जितना श्रेय राठौड़ को है, उतना ही श्रेय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी देना चाहिए। वे हर बड़े निर्णय में पहले संगठन को विश्वास में लेते हैं। संगठन की बात को सर्वोपरि मानते हैं। उसी कारण बेहतर तालमेल है।
उप चुनाव में सीएम भजनलाल व अध्यक्ष मदन राठौड़ ने मिलकर उम्मीदवार तय किये, चुनाव प्रचार किया और सफलता भी हासिल की। भाजपा की एक सीट थी मगर 4 सीट उन्होंने विपक्षियों से छीन ली। इसके बाद तो दोनों की जोड़ी मशहूर हो गई। इसके अलावा पार्टी नेताओं का कहना है कि तबादलों व नियुक्तियों में भी सरकार संगठन की सिफारिश को ज्यादा महत्त्व देती है। संगठन को इस तरह की तव्वजो शायद पहली बार मिली है।
राठौड़ ने चुप रहकर नेताओं की आपसी टकराहट पर भी काबू पाया है। वसुंधरा राजे, किरोड़ीलाल मीणा भी इस तीन महीनें में संगठन के सामने शांत ही रहे। राठौड़ ने भी अपने किसी बयान से किसी नेता को आहत करने का काम नहीं किया। नेताओं की भी संगठन से अलग कुछ बोलने की स्थिति ही नहीं बनी है, ये अध्यक्ष की बड़ी सफलता है। असंतोष पर काबू किया है संगठन ने, ये प्रमाण है उप चुनाव का। शुरू में विरोध हुआ मगर वो शांत भी किया गया। जिसके कारण ही झुंझनु, सलूम्बर व रामगढ़ में भाजपा को जीत मिली।
संगठन चुनाव में अब मदन राठौड़ पूरी अपनी टीम लाएंगे, ये भी तय है। क्योंकि उनको फ्री हैंड है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन ने भी बैठक में साफ कहा कि संगठन चुनाव में पारदर्शिता हो, सीएम, मंत्री की सिफारिश को भी न माना जाये। ये बयान ही दर्शाता है कि राज्य में संगठन का ढांचा राठौड़ के अनुसार ही गठित होगा। अधिकतर जिलों में नए अध्यक्ष लाने की तैयारी है। वहीं प्रदेश में भी कई पदधिकारियों की छुट्टी होनी निश्चित ही है। जिलों से लेकर प्रदेश तक पदाधिकारी अब राठौड़ की ईच्छा से ही बनेंगे, संगठन उनको चलाना है। सरकार का इसमें हस्तक्षेप नही होगा। संगठन के चुनाव जनवरी तक पूरे होंगे और भाजपा में अधिकतर नये चेहरे दिखने तय है।
मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘ के बारे में
मधु आचार्य ‘आशावादी‘ देश के नामचीन पत्रकार है लगभग 25 वर्ष तक दैनिक भास्कर में चीफ रिपोर्टर से लेकर कार्यकारी संपादक पदों पर रहे। इससे पहले राष्ट्रदूत में सेवाएं दीं। देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में आचार्य के आलेख छपते रहे हैं। हिन्दी-राजस्थानी के लेखक जिनकी 108 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। साहित्य अकादमी, दिल्ली के राजस्थानी परामर्श मंडल संयोजक रहे आचार्य को अकादमी के राजस्थानी भाषा में दिये जाने वाले सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका हैं। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सर्वोच्च सूर्यमल मीसण शिखर पुरस्कार सहित देशभर के कई प्रतिष्ठित सम्मान आचार्य को प्रदान किये गये हैं। Rudra News Express.in के लिए वे समसामयिक विषयों पर लगातार विचार रख रहे हैं।