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सुप्रीम कोर्ट की जज बीवी नागरत्ना ने 'नोटबंदी' को कालेधन को सफेद करने का एक तरीका बताया

 
आरएनई,नेशनल ब्यूरो।  केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से देश का काला धन ' सफ़ेद ' हो गया। सुप्रीम कोर्ट की जज बीवी नागरत्ना ने शनिवार को कहा कि उन्हें केंद्र सरकार की नोटबंदी पर असहमति जतानी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का निर्णय लिया था जो कि कुल करेंसी के 86 फीसदी थे। बाद में इसमें से 98 फीसदी नोट वापस आ गए। बता दें कि अक्टूबर 2016 में मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था और 500 व हजार के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट की जज बीवी नागरत्ना ने 'नोटबंदी' को कालेधन को सफेद करने का एक तरीका बताया जस्टिस नागरत्ना ने कहा, मुझे लगता है कि यह केवल कालेधन को सफेद करने का एक तरीका था। क्योंकि 86 फीसदी मुद्रा को डिमोनटाइज कर दिया गया और इसमें से 98 फीसदी वापस आ गई। सारा कालाधन सफेद हो गया। इसलिए मुझे लगता है कि यह कालेधन को सफेद करने का तरीका भर था। वहीं आम आदमी को हुई दिक्कतों की वजह से मुझे बहुत दुख हुआ। इसीलिए मैं इससे सहमत नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट की जज बीवी नागरत्ना ने 'नोटबंदी' को कालेधन को सफेद करने का एक तरीका बताया यहां एनएएलएसएआर विधि विश्वविद्यालय में आयोजित 'न्याय एवं संविधान सम्मेलन' के पांचवें संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति नागरत्ना ने महाराष्ट्र विधानसभा मामले को राज्यपाल के अपने अधिकारों से आगे बढ़ने का एक और उदाहरण बताया, जहां सदन में शक्ति परीक्षण की घोषणा लिए राज्यपाल के पास पर्याप्त सामग्री का अभाव था। सुप्रीम कोर्ट की जज बीवी नागरत्ना ने 'नोटबंदी' को कालेधन को सफेद करने का एक तरीका बताया