ट्रेनों में कम्बल धुलते हैं महीनें में सिर्फ एक बार
RNE Network
ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों को दी जाने वाली चादर तो हर इस्तेमाल के बाद धोई जाती है, जबकि कम्बलों को महीनें में कम से कम एक बार ही धोया जाता है।
एक आरटीआई के जवाब में यह खुलासा हुआ है। लंबी दूरी की अलग अलग ट्रेनों में काम करने वाले हाउसिंग स्टाफ के मुताबिक हर ट्रिप के बाद बेडशीट्स और पिलो कवर्स को लौंड्री के लिए दिया जाता है। जबकि कम्बलों को फोल्ड करके रखा जाता है। इन्हें लौंड्री के लिए तब भेजा जाता है जब इनसे बदबू आ रही हो या कोई दाग लगा हो।