Film stories : 'एक फूल दो माली' का दिलचस्प किस्सा, संजय को हटाने के प्रयास में खुद बाहर हो गई थी माला सिन्हा
वर्ष 1969 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'एक फूल दो माली' सबसे ज्यादा हिट फिल्मों में शामिल रही। 'एक फूल दो माली' के निर्देशक देवेंद्र गोयल को इस फिल्म ने नई ऊंचाई दी थी। यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, बल्कि इसके बनने की कहानी भी कई दिलचस्प किस्सों से भरी हुई है।
यह फिल्म लेखक संपत लाल पुरोहित की किताब 'दो कदम आगे पर आधारित थी और 'आराधना' व 'दो रास्ते' जैसी फिल्मों के साथ उस साल की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। फिल्म के निर्माण के दौरान एक चौंकाने वाली घटना घटी।
बताया जाता है कि माला सिन्हा के पिता ने निर्देशक देवेंद्र गोयल पर अभिनेता संजय खान को फिल्म से हटाने का दबाव बनाया। लेकिन हालात ऐसे बने कि आखिर में माला सिन्हा को ही फिल्म से बाहर कर दिया गया। इस फिल्म का संगीत भी बेहद लोकप्रिय रहा।
खास बात यह है कि रोमानिया की गायिका नरगिता ने इस फिल्म के एक गीत का कवर वर्जन गाया था, 'ओ फ्लोरे सी डोई गारडिनारी', जिसका अर्थ भी 'एक फूल दो माली' ही होता है। वहीं गीत 'ये पर्दा हटा दो' भी खूब चर्चित रहा। फिल्म की सफलता ऐसी थी कि करीब 20 साल बाद, 1989 में इसे 'घर का चिराग' के नाम से रीमेक किया गया। फिल्म की मूल कहानी मुश्ताक जलीली को दी गई
लेकिन लंबे समय से यह चर्चा का विषय रहा है कि 'एक फूल दो माली 1961 की हॉलीवुड फिल्म 'Fanny' से प्रेरित है। हालांकि, इसे लेकर हमेशा बहस होती रही है, क्या यह सच में रूपांतरण था या सिर्फ एक संयोग? दिलचस्प यह भी है कि 'फैनी' खुद 1930 के दशक के एक फ्रांसीसी नाटक पर आधारित थी।