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Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बना

 
Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बना
  • एक अभिनेता जो अपने फिल्मी किरदारों की वजह से क्रांतिकारी, देशभक्त के रूप में बना गया पहचान
RNE Special Report Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बना अभिषेक आचार्य वर्ष 1949 में एक फिल्म आई "शबनम"। दिलीपकुमार कुमार फिल्म के हीरो थे। खैबर पख्तूनवा पाकिस्तान के एटबाबाद से विभाजन की त्रासदी झेलकर आए एक पंजाबी ब्राह्मण शरणार्थी परिवार के 12 वर्षीय बच्चे ने यह फिल्म देखी। Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बना हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी नाम का यह बच्चा दिलीप कुमार के अभिनय से इस कदर प्रभावित हुआ कि फिल्म में उनके किरदार का जो नाम था "मनोज कुमार" वही नाम खुद का रख लिया। फिल्में और अभिनय रग-रग में रचते, बसते गए। खुद फिल्मों में जा पहुंचा और देखते ही देखते हिन्दी सिनेमा को मिला सदी के श्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक सुपर स्टार "मनोज कुमार"। वह मनोज कुमार जो अपने देशभक्ति केन्द्रित फिल्मों और भूमिकाओं से इस कदर पोपुलर हुए कि पूरे देश ने उसे नाम दे दिया भारत कुमार यानि भारत माता का लाडला बेटा। Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बना आज यानी 04 अप्रैल 2025 को पौ फटते ही पहला समाचार यह आया कि मनोज कुमार उर्फ "भारत कुमार" नहीं रहे। उन्होने लगभग 88 की उम्र में मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। वे यहाँ 21 फरवरी से डॉक्टर्स दी देखरेख में थे और उम्र से जुड़ी शारीरिक परेशानियों से जूझ रहे थे। अभिनेता के बेटे कुणाल गोस्वामी ने पिता की अस्वस्थता, दर्द और शांतिपूर्ण महाप्रयाण की भावुक पोस्ट शेयर की। Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बना लाल बहादुर शास्त्री के एक सुझाव ने बना दिया भारत कुमार : मनोज कुमार के भारत कुमार बनने की कहानी काफी दिलचस्प है। दरअसल लाल बहादुर शास्त्री ने "जय जवान, जय किसान" नारा दिया था। वे मनोज कुमार से काफी प्रभावित थे और मनोज कुमार भी उस वक्त तक टॉप के एक्टर्स के रूप में पहचान बना चुके थे। शास्त्रीजी ने उन्हें इस नारे पर केन्द्रित कुछ काम फिल्म के जरिये करने का सुझाव दिया। बस इसी सुझाव से उपजी फिल्म "उपकार"। इस फिल्म का गीत "मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती..." आज भी 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे मौकों पर सबसे ज्यादा बजता है। इस फिल्म में मनोज कुमार ने जो किरदार निभाया उसका नाम था "भारत"। Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बनाभारत किरदार इतना फिट बैठा कि इसके बाद 1969 में आई देशभक्ति पर केन्द्रित "पूरब और पश्चिम" में भी यही नाम दोहराया गया। पश्चिम की सभ्यता से भारत को श्रेष्ठ बताने वाली इस फिल्म में " भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनता हूँ.." और गांधीजी से प्रेरित "रघुपति राघव राजा राम.." गीत खूब पसंद किए गए। Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बनाभारत किरदार 1974 में आई सुपर-डुपर हिट "रोटी कपड़ा और मकान" में भी दोहराया गया। यहाँ जीवन के लिए संघर्ष करते निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की परेशानियों को जबर्दस्त तरीके से दिखाया गया। फिल्म का टाइटल इन्दिरा गांधी की ओर से दिये गए नारे "रोटी कपड़ा और मकान" पर केन्द्रित रहा। Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बना"भारत" नाम इन सबसे से भी ज्यादा पोपुलर तब हुआ जब 1981 में "क्रांति" आई। मनोज कुमार इस फिल्म में अभिनेता के साथ ही निर्माता-निर्देशक भी थे। इसमें दिलीप कुमार मुख्य भूमिका में थे। मनोज कुमार , शशि कपूर , शत्रुघ्न सिन्हा , हेमा मालिनी , परवीन बॉबी की प्रमुख भूमिकाओं वाली यह फिल्म उस वक्त की सबसे महंगी और सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। "क्रांति" गीत तो फेमस हुआ ही, "जिंदगी की ना टूटे लड़ी.." गाना भी खूब चला। Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बनाइसके बाद 1989 में क्लर्क या लिपिक फिल्म में एक बार फिर मनोज कुमार के किरदार का नाम भारत रहा। "झूम झूम के गाओ रे आज 15 अगस्त है.." गीत वाली यह हिट फिल्म भी देश के हालत और आम, मध्यम वर्गीय, गरीब भारतीय के हालत पर केन्द्रित रही। रोमांस और थ्रिल में भी खूब जमे : हालांकि मनोज कुमार की बड़ी पहचान "देशभक्ति" फिल्मों से जुड़ गई लेकिन वे रोमांस, थ्रिल की भूमिकाओं में भी खूब जमे और हिट हुए। रोमांटिक ड्रामा "हिमालय की गोद में" एक ब्लॉकबस्टर थी जिसने उन्हें एक बैंकेबल स्टार बना दिया। सस्पेंस थ्रिलर "गुमनाम" से और बड़ी हिट हासिल की । आशा पारेख के साथ "दो बदन" में जबर्दस्त काम किया । इस फिल्म को खोसला के निर्देशन, कुमार के प्रदर्शन और गीतकार शकील बदायूँनी द्वारा लिखे गए गीतों के लिए याद किया जाता है, जिसमें मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाया गया "रहा गर्दिशों में हर दम मेरे इश्क का सितारा..", और लता मंगेशकर द्वारा गाया गया एकल गीत "लो आ गई उनकी याद" खूब सुने गए। Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बना ये रिकॉर्ड : मनोज कुमार 1970 में पूरब और पश्चिम के साथ देशभक्ति विषयों पर लौटे , जिसमें पूर्व और पश्चिम में जीवन को एक साथ दिखाया गया था। यह भारत और विदेशों में एक बड़ी ब्लॉकबस्टर साबित हुई। यूनाइटेड किंगडम में फिल्म 1971 में रिलीज हुई और लंदन में 50 सप्ताह से अधिक समय तक चली। इसने यूके में £285,000 की कमाई की, जो ₹ 2.5 मिलियन (यूएस$332,252.41) के बराबर है। इसने यूके बॉक्स ऑफिस पर दो रास्ते का रिकॉर्ड तोड़ दिया , जो एक साल पहले यूके में रिलीज हुई थी। पूरब और पश्चिम ने यूके का रिकॉर्ड 23 साल तक अपने नाम रखा, जब तक कि इसे अंततः 1994 में "हम आपके हैं कौन" ने तोड़ा। Manoj Kumar No More : "शबनम" में दिलीपकुमार के रोल से प्रभावित होकर हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया और देश का सबसे लाडला सितारा बना