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PM Jan-Dhan Account: पीएम जनधन खातों को लेकर आया बड़ा अपडेट सामने, केंद्र सरकार की कार्रवाई के बाद करोड़ों बैंक खातों पर मंडराया खतरा 

 

PM Jan-Dhan Scheme: केंद्र सरकार ने साइबर ठगी की बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए लगातार बैंक से संबंधित नियमों में बदलाव कर रहे है। केंद्र सरकार के टारगेट पर पीएम जनधन खाते है और इन जनधन खातों को केंद्र सरकार द्वारा बंद करने का निर्णय लिया है, क्योंकि इन जनधन खातों को आनलाइन ठग गिरोह अपना हथियार बना रहा है। इसलिए केंद्र सरकार ने उन बैंक खातों को बंद करने का निर्णय लिया जिनमें 24 माह में कोई लेनदेन नहीं हुआ है।

केंद्र सरकार ने 11.57 करोड़ जनधन खातों की पहचान की है, जो लंबे समय से  निष्क्रिय है और इनमें कोई भी लेन-देन नहीं हुआ है। केंद्र ने सरकारी बैंकों को निर्देश दिए है कि जो जनधन खाते लंबे  निष्क्रिय है उनको बंद कर दिया जाए। इसके लिए पहले इन खातों की दोबारा से ई केवाईसी करवाई जाए। अगर ई केवाईसी नहीं होती है तो उसको तुरंत ही बंद कर दिया जाए।  किसी बैंक खाते को इनएक्टिव तब माना जाता है जब लगातार 24 महीने की अवधि में कोई लेनदेन नहीं हुआ हो।

सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रो के बैंक खाते होंगे बंद 

बैंक के उच्च अधिकारियों के अनुसार सबसे ज्यादा निष्क्रिय जनधन खाते ग्रामीण क्षेत्रों में है। जहां पर लंबे समय से कोई लेन देन नहीं हुआ है। 
कहा, अधिकतर निष्क्रिय खाते ग्रामीण इलाकों में है। बैंक ऑफ इंडिया के एमडी रजनीश कर्नाटक ने कहा, हमने पाया है कि कुछ जनधन खातों का इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा है। पीएम जनधन योजना के तहत 25 जून तक 55.7 करोड़ खाते खोले गए हैं। इन खातों में कुल 2.60 लाख करोड़ रुपए जमा हैं।

म्यूल हंटर नाम से पहल जारी

धोखाधड़ी के लिए निष्क्रिय जनधन खातों के इस्तेमाल की घटनाएं हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई हैं। इससे आरबीआइ को इन खातों का पता लगाने के लिए म्यूल हंटर नाम से एक पहल करनी पड़ी है। यह एआइ और मशीन लर्निंग आधारित मॉडल है, जिसे बैंकों को म्यूल खातों की पहचान करने के लिए डिजाइन किया गया है। वर्ष 2024-25 में डिजिटल भुगतान श्रेणी में 520 करोड़ रुपए ठगी के 13,516 धोखाधड़ी के मामले आए।